Covid-19: महाराष्ट्र में कैदियों को पैरोल देने पर SC ने कहा, यथोचित आदेश पारित करेंगे

महाराष्ट्र में COVID-19 महामारी के तहत विशेष अधिनियमों के तहत आरोपित कैदियों को अंतरिम पेरोल देकर रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई.

Covid-19: महाराष्ट्र में कैदियों को पैरोल देने पर SC ने कहा, यथोचित आदेश पारित करेंगे

यह याचिका मेधा पाटकर और उनके संगठन ने दायर की है

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र में COVID-19 महामारी के तहत विशेष अधिनियमों के तहत आरोपित कैदियों को अंतरिम पेरोल देकर रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई. जहां CJI एस ए बोबडे ने कहा कि हम एक यथोचित आदेश पारित करेंगे. हम देखेंगे कि हाईकोर्ट अपनी शर्तों को बदलती परिस्थितियों के अनुसार बदलने के लिए स्वतंत्र हो. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि 10 से अधिक कैदियों की मौत हो गई है. जिसके जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने कहा CJI ने कहा कि एक यथोचित आदेश पारित किया जाएगा, जिसमें बॉम्बे हाईकोर्ट और महाराष्ट्र हाई पावर कमेटी को अपने वर्गीकरण को जमीनी परिस्थितियों के अनुसार संशोधित करने की स्वतंत्रता होगी. 

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बता दें कि यह याचिका मेधा पाटकर और उनके संगठन, नेशनल एलायंस ऑफ़ पीपुल्स मूवमेंट्स, के साथ सामाजिक कार्यकर्ता मीरा सदानंद कामथ ने दायर की है.याचिका में बॉम्बे हाईकोर्ट के 5 अगस्त के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसमें हाई कोर्ट ने कैदियों के लिए राज्य वर्गीकरण को बरकरार रखा था जिन्हें COVID-19 के प्रकोप के मद्देनजर आपातकालीन पैरोल पर रिहा किया जाना है.राज्य द्वारा गठित हाई पावर कमेटी ने ये तय किया था कि जो कैदी विशेष कानून के तहत जेल में हैं या गंभीर श्रेणी के अपराध में विचाराधीन हैं उनको पेरोल पर रिहा नहीं किया जाएगा. 

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याचिका में बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी जिसमें महाराष्ट्र राज्य उच्चाधिकार प्राप्त समिति की सिफारिशों को बरकरार रखा गया है कि उन कैदियों आपातकालीन पैरोल पर रिहा न करे, जिन्हें एनडीपीएस अधिनियम, यूएपीए, मकोका आदि जैसे विशेष अपराधों के तहत रखा गया है.