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This Article is From Dec 10, 2015

सुप्रीम कोर्ट का आदेश : जब्त की जा सकती है भ्रष्ट मंत्रियों और नौकरशाहों की संपत्ति

सुप्रीम कोर्ट का आदेश : जब्त की जा सकती है भ्रष्ट मंत्रियों और नौकरशाहों की संपत्ति
प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि भ्रष्ट मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों और नौकरशाहों की संपत्ति को जब्त किया जा सकता है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि भ्रष्टाचार देश के लिए आर्थिक आतंकवाद की तरह है और यह सामाजिक आपदा है।

बिहार और ओडिसा सरकार के कानून पर मुहर
इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने बिहार और ओडिसा सरकार के उस कानून पर अपनी मुहर लगा दी है जिसमें भ्रष्ट सरकारी प्रतिनिधियों की सपंत्ति जब्त करने का नियम बनाया गया है। कोर्ट ने इसके साथ ही दोनों सरकारों को ऐसे मामलों में स्पेशल कोर्ट बनाने की इजाजत भी दे दी है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उस प्रक्रिया को रद कर दिया है जिसके तहत जब्ती की कार्रवाई की जाती है।

नौकरशाहों ने दी थी चुनौती
दरअसल बिहार और ओडिसा के  कानून को उन नौकरशाहों (ब्यूरोक्रेट) ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी जो भ्रष्टाचार के मामलों में ट्रायल का सामना कर रहे हैं। उनका कहना है कि दोषी करार दिए जाने से पहले संपत्ति की जब्ती पूरी तरह गैरकानूनी है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस दलील को मानने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून में यह भी प्रावधान है कि अगर कोई बरी हो जाता है तो उसकी संपत्ति वापस कर दी जाएगी।

बरी होने पर वापस होगी संपत्ति
इससे पहले पटना और ओडिसा हाईकोर्ट भी इस कानून पर अपनी सहमति जता चुके हैं। इसके बाद इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। दोनों राज्यों की सरकारों ने इस कानून को सही ठहराते हुए दलील दी थी कि भ्रष्टचार के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस तरह का कदम उठाना जरूरी है। इसी का समर्थन करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब्ती एक अंतरिम निर्णय ही है क्योंकि अगर कोई बरी हो जाता है तो उसकी संपत्ति वापस कर दी जाएगी।

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