तीसहजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच हुई झड़प पर सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों को भी नसीहत देते हुए कहा है कि एक हाथ से ताली नहीं बजती है, समस्या दोनों तरफ से है. कोर्ट ने कहा, हम और अधिक नहीं कहना चाहते हैं, किसी कारण से चुप हैं. कोर्ट ने आगे कहा कि कोई ये नहीं कह सकता कि हमने एक निश्चित सही तरीके से काम किया क्योंकि उन्होंने ऐसा किया है. इस दौरान वकीलों ने पुलिस अत्याचार की शिकायत की लेकिन सुप्रीम कोर्ट सहमत नहीं हुआ. बार काउंसिल के अध्यक्ष मनन मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि उन्हें उम्मीद है कि दो दिनों के भीतर समाधान हो जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ओडिशा के वकीलों द्वारा हड़ताल से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रहा था जब ये टिप्पणियां की गई थीं.
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले दिल्ली की तीसहजारी कोर्ट परिसर में पुलिस लॉकअप के पास पार्किंग को लेकर एक वकील से विवाद हो गया था. इसके बाद वहीं पुलिस और वकील के बीच दंगा जैसे हालात बन गए और वकीलों ने पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी. इतना ही नहीं महिला अधिकारियों के साथ भी बदसलूकी और धक्का-मुक्की के वीडियो और हिंसा के कई वीडियो सामने आए हैं. इस मामले को मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया है. वहीं इस घटाना के विरोध में पुलिसकर्मियों ने हेडक्वार्टर के सामने प्रदर्शन भी किया है.
वकीलों के झुंड ने महिला अफसर से की बदसलूकी, NCW ने लिया मामले में संज्ञान
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