जब सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा- हमारे आदेश से राम राज्य आ सकता है क्या

जब सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा- हमारे आदेश से राम राज्य आ सकता है क्या

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

खास बातें

  • याचिका में देशभर के फुटपाथ पर हुए कब्जों को हटाने की मांग की गई थी
  • पुलिस और सरकारी तंत्र कोई कदम नहीं उठा रहे
  • देशभर के लोग इसकी वजह से परेशान हैं
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट में CJI टीएस ठाकुर ने कहा कि क्या सुप्रीम कोर्ट के आदेश से देश में राम राज्य आ सकता है? क्या सुप्रीम कोर्ट यह आदेश करे कि देश में भ्रष्टाचार खत्म हो तो क्या ऐसा होगा? क्या सुप्रीम कोर्ट यह कहे कि देश में कोई अपराध ना हो, कोई कत्ल ना हो तो क्या ये हो सकता है? तो सुप्रीम कोर्ट अगर आदेश करे कि देशभर में फुटपाथ से कब्जे हटाए जाएं तो क्या आदेश का पालन हो जाएगा?

चीफ जस्टिस ने कहा कि कोर्ट सब बुराइयों को ठीक नहीं कर सकता. हमारी भी एक सीमा है. सबका इलाज सुप्रीम कोर्ट नहीं है.

यह टिप्पणी उस जनहित याचिका पर की गई, जिसमें देशभर के फुटपाथ पर हुए कब्जों को हटाने की मांग की गई थी. हालांकि चीफ जस्टिस इसे खारिज करना चाहते थे, लेकिन याचिकाकर्ता की दलीलों के बाद अब सुनवाई फरवरी में होगी. दरअसल, वायस ऑफ इंडिया नामक संगठन ने 2014 में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर कहा था कि देश भर में फुटपाथों पर अवैध कब्जे हैं, जिसकी वजह से हालात खराब हो गए हैं.

पुलिस और सरकारी तंत्र कोई कदम नहीं उठा रहे. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र और राज्य सरकारों को नोटिस भी जारी किया था. शुक्रवार को सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में कोर्ट कुछ नहीं कर सकता और याचिका खारिज की जाती है, लेकिन याचिकाकर्ता ने दलील दी कि देशभर के लोग इसकी वजह से परेशान हैं और पुलिस व सरकार शांत है. ऐसे में लोगों को कोर्ट से बहुत उम्मीदें हैं. अगर मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है तो लोगों की बात कोर्ट नहीं सुनेगा तो कौन सुनेगा?
 
याचिकाकर्ता ने कहा कि जो लोग इस उम्मीद में हैं कि इस समस्या से सुप्रीम कोर्ट निजात दिलाएगा उनको क्या जवाब दूंगा ? इन दलीलों के बाद चीफ जस्टिस ठाकुर ने याचिकाकर्ता की दलीलों को मानते हुए कहा कि सुनवाई फरवरी में करेंगे. हालांकि जनवरी में ही जस्टिस ठाकुर रिटायर होंगे और जस्टिस जेएस खेहर नए चीफ जस्टिस बनेंगे.


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