सुप्रीम कोर्ट ने अन्नाद्रमुक (AIADMK) की महासचिव वीके शशिकला को आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी ठहराते हुए चार साल की सजा सुना दी है. साथ ही शशिकला पर 10 करोड़ का जुर्माना भी लगाया गया है. कोर्ट के इस फैसले के साथ ही शशिकला के तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनने के सपने पर ग्रहण लग गया है. साथ ही वह 10 साल तक कोई चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगी. आइए जानें इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में क्या और कैसे हुआ-:
1. सुप्रीम कोर्ट का कमरा नंबर छह मंगलवार सुबह 9:30 बजे खुला. जज साहब की अनुमति से 10.30 बजे मामले की कार्यवाही शुरू हुई.
2. पहली नजर में कोर्ट के अंदर का माहौल मद्रास हाईकोर्ट की तरह था, क्योंकि वहां ज्यादातर वकील तमिलनाडु के थे. साथ ही फैसला सुनने आए लोग भी इसी राज्य से आए थे.
3. सुनवाई के वक्त याचिककर्ता सुब्रमण्यम स्वामी और कर्नाटक के वकील दुष्यंत दवे आगे की पंक्ति में बैठे थे.
4. करीब 10.25 बजे कोर्ट के कर्मचारी कमरे में दाखिल होते हैं. उनके पास फैसले की कॉपी एक सील बंद पैकेट में होती है.
5. सुबह 10.32 बजे दो जज कमरे में दाखिल होते हैं.
6. जजों के आते ही कोर्ट मास्टर्स सील बंद फैसले की कॉपी को खोलते हैं.
7. जस्टिस पिंकी चंद्रा घोष कहती है, यह एक बहुत बड़ा फैसला है.
8. इसके बाद जस्टिस पिंकी चंद्रा और न्यायाधीश अमिताव रॉय आपस में कुछ बातें करते हैं.
9. जस्टिस पिंकी चंद्रा घोष कहती हैं, हम एक तरह से हाईकोर्ट के फैसले को स्थापित कर रहे हैं और निचली अदालत के फैसले को बहाल कर रहे हैं. हम इस मामले में आरोपी रहीं जयललिता के केस को खत्म करते हैं. वहीं मामले में दूसरे, तीसरे और चौथे आरोपी को दोषी करार दिए जाते हैं. ये सभी तत्काल सरेंडर करें. मालूम हो कि इन्हीं तीन दोषियों में शशिकला भी एक हैं.
10. इसके तत्काल बाद कोर्ट में बैठे मीडियाकर्मी वहां से उठकर बाहर खबर फ्लैश करने के लिए चले जाते हैं. इसी बीच वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे जजों को धन्यवाद कहते हैं. इसके साथ ही कोर्ट की सुनवाई खत्म हो जाती है.
1. सुप्रीम कोर्ट का कमरा नंबर छह मंगलवार सुबह 9:30 बजे खुला. जज साहब की अनुमति से 10.30 बजे मामले की कार्यवाही शुरू हुई.
2. पहली नजर में कोर्ट के अंदर का माहौल मद्रास हाईकोर्ट की तरह था, क्योंकि वहां ज्यादातर वकील तमिलनाडु के थे. साथ ही फैसला सुनने आए लोग भी इसी राज्य से आए थे.
3. सुनवाई के वक्त याचिककर्ता सुब्रमण्यम स्वामी और कर्नाटक के वकील दुष्यंत दवे आगे की पंक्ति में बैठे थे.
4. करीब 10.25 बजे कोर्ट के कर्मचारी कमरे में दाखिल होते हैं. उनके पास फैसले की कॉपी एक सील बंद पैकेट में होती है.
5. सुबह 10.32 बजे दो जज कमरे में दाखिल होते हैं.
6. जजों के आते ही कोर्ट मास्टर्स सील बंद फैसले की कॉपी को खोलते हैं.
7. जस्टिस पिंकी चंद्रा घोष कहती है, यह एक बहुत बड़ा फैसला है.
8. इसके बाद जस्टिस पिंकी चंद्रा और न्यायाधीश अमिताव रॉय आपस में कुछ बातें करते हैं.
9. जस्टिस पिंकी चंद्रा घोष कहती हैं, हम एक तरह से हाईकोर्ट के फैसले को स्थापित कर रहे हैं और निचली अदालत के फैसले को बहाल कर रहे हैं. हम इस मामले में आरोपी रहीं जयललिता के केस को खत्म करते हैं. वहीं मामले में दूसरे, तीसरे और चौथे आरोपी को दोषी करार दिए जाते हैं. ये सभी तत्काल सरेंडर करें. मालूम हो कि इन्हीं तीन दोषियों में शशिकला भी एक हैं.
10. इसके तत्काल बाद कोर्ट में बैठे मीडियाकर्मी वहां से उठकर बाहर खबर फ्लैश करने के लिए चले जाते हैं. इसी बीच वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे जजों को धन्यवाद कहते हैं. इसके साथ ही कोर्ट की सुनवाई खत्म हो जाती है.
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