विज्ञापन
This Article is From Jun 16, 2020

मानसिक बीमारी के इलाज को इंश्योरेंस में शामिल करने की मांग, SC ने केंद्र और इरडा को जारी किया नोटिस

याचिकाकर्ता ने कहा है कि मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम 2017 की धारा 21 में विशेष रूप से इस प्रावधान के बाद IRDA ने 2018 में आदेश जारी किया था लेकिन बीमा कंपनियों ने इसे लागू नहीं किया. 

मानसिक बीमारी के इलाज को इंश्योरेंस में शामिल करने की मांग, SC ने केंद्र और इरडा को जारी किया नोटिस
सभी बीमा कंपनियों को मानसिक बीमारी के इलाज को भी बीमा में शामिल करने के निर्देश दिए जाएं
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में मानसिक बीमारी के इलाज को भी चिकित्सा बीमा में शामिल करने संबंधी याचिका दायर की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और इरडा (भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण-IRDA) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर गौरव बंसल ने मांग की है कि सभी बीमा कंपनियों को मानसिक बीमारी के इलाज को भी बीमा में शामिल करने के निर्देश दिए जाएं. 

याचिकाकर्ता ने कहा है कि मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम 2017 की धारा 21 में विशेष रूप से इस प्रावधान के बाद IRDA ने 2018 में आदेश जारी किया था लेकिन बीमा कंपनियों ने इसे लागू नहीं किया. इरडा बीमा क्षेत्र का नियामक है. 

हाल ही में बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने सभी बीमा कंपनियो से दिव्यांगों, एचआईवी/एड्स और मानसिक रूप से बीमार लोगों के लिये बीमा कवर के संदर्भ में अपना विचार और रुख सार्वजनिक करने को कहा है. बीमा कंपनियों से इस बारे में सूचना अपनी अपनी वेबसाइट पर देने को कहा गया है. 

इरडा ने एक परिपत्र में कहा कि सभी बीमा कंपनियां (जीवन, साधारण और स्वास्थ्य) को एक अक्टूबर तक निर्देशों का पालन करना है। बीमा नियामक के अनुसार उसका मानना है कि हर बीमा कंपनियों के लक्षित आबादी को उस दर्शन के बारे में सूचना होनी चाहिए जो उसकी बीमा कंपनियां प्रावधानों का अनुपालन करते समय अपनाती है.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com