सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा को एक और झटका लगा है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कोल ब्लॉक मामले में रंजीत सिन्हा को नोटिस भेजा है और उनसे 19 सितंबर तक जवाब मांगा है। दरअसल, प्रशांत भूषण ने एक याचिका में इस जांच से सीबीआई निदेशक को जांच से हटाने की मांग की है।
प्रशांत भूषण का आरोप है कि रंजीत सिन्हा ने कोयला घोटाले में आरोपी विजय दर्डा समेत कई अन्य लोगों से अक्सर अपने निवास पर मुलाक़ात की है।
उल्लेखनीय है कि 2-जी और कोल घोटाले के आरोपियों से मुलाकात को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा था कि सीबीआई डायरेक्टर पर लगे आरोप काफी गंभीर हैं, साथ ही कोर्ट ने कहा कि वह 2−जी मामले की निगरानी कर रहा है और अगर इसे पटरी से उतारने की कोशिश हुई तो सुप्रीम कोर्ट सख्त रवैया अपनाएगा।
कोर्ट ने सीबीआई निदेशक से कहा, जो भी आप हमें बताना चाहते हैं, हमें साफ साफ बताएं। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई डायरेक्टर से एक हफ्ते में जवाब मांगा है।
प्रशांत भूषण का आरोप था कि सीबीआई डायरेक्टर रंजीत सिन्हा ने 2-जी घोटाले के आरोपियों से कई बार मुलाकात की थी और उन्होंने रिलायंस के खिलाफ केस भी कमजोर किया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई की उस याचिका पर भी सुनवाई होगी, जिसमें सीबीआई ने प्रशांत भूषण और कामिनी जायसवाल पर झूठे तथ्य पेश करने का आरोप लगाया है और केस दर्ज करने की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई निदेशक के घर में प्रवेश सूची का मूल रजिस्टर हासिल किया। अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने यह सीलबंद लिफाफे में सौंपा।
वहीं, सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि वह भूषण से उस स्रोत के बारे में बताने को कहे. जिससे उन्हें ये सब दस्तावेज मिले।
सुप्रीम कोर्ट ने आईटीबीपी के 23 और सीबीआई के चार अधिकारियों के नाम भी रिकॉर्ड में लिए जो सीबीआई निदेशक के आवास के द्वार पर ड्यूटी पर थे। कोर्ट ने कहा कि यदि हम सीबीआई निदेशक के खिलाफ प्रकथनों में दम पाते हैं तो हम मामले के लंबित रहने के दौरान उनके द्वारा लिए गए सभी फैसलों को रद्द कर देंगे। इस मामले पर आगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट रंजीत सिन्हा की उस अपील को खारिज कर चुका है, जिसमें इस मामले की मीडिया रिपोर्टिंग रोकने की मांग की गई थी।
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