IITJEE में होने वाले दाखिले और काउंसलिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई
नई दिल्ली:
आईआईटी और एनआईटी में होने वाले दाखिले और काउंसलिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई. कोर्ट ने दाखिले में ग्रेस मार्क्स को लेकर दायर सभी याचिकाएं खारिज कर दीं. कोर्ट ने इसी के साथ दाखिले से जुड़ी प्रक्रियाओं पर लगी रोक भी हटा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि IIT से ऐसी प्रिटिगं की कोई भी गलती भविष्य में ना हो.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई भी हाईकोर्ट मामलों को नहीं सुनेगा. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि इस तरह की गलती फिर से ना हो. कोर्ट ने कहा कि परीक्षा में फूलप्रूफ मैकेनिज्म बनाएं कि गलत प्रश्न ना हो और बोनस अंक देने की नौबत ना आए. इस पूरे मामले में कोर्ट ने केंद्र से एक हलफनामा दाखिल करने को भी कहा. अब केस में 10 अक्तूबर को अगली सुनवाई होगी.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बोनस अंक देने के विवाद पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को आईआईटी और एनआईटी में होने वाली काउंसलिंग पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी.
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से इन संस्थानों में दाखिला ले चुके 23,000 छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया था. कोर्ट ने आईआईटी में काउंसलिंग और दाखिले के संबंध में दायर होने वाली किसी भी रिट याचिका को स्वीकार करने पर भी सभी उच्च न्यायालयों पर प्रतिबंध लगा दिया था. कोर्ट ने कहा था कि जब तक बोनस अंक देने की वैधता के बारे में फैसला नहीं होता तब तक दाखिला ले चुके छात्रों का भविष्य अधर में रहेगा.
कोर्ट ने सभी उच्च न्यायालयों के समक्ष लंबित याचिकाओं और आईआईटी-जेईई, 2017 की रैंक लिस्ट तथा परीक्षा में शामिल होने वाले सभी अभ्यथिर्यों को अतिरिक्त अंक देने को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं की जानकारी मांगी थी.
आईआईटी-जेईई, 2017 की रैंक सूची रद्द करने संबंधी अर्जी पर न्यायालय ने 30 जून को मानव संसाधन विकास मंत्रालय को नोटिस जारी किया था. आईआईटी में दाखिले की इच्छुक ऐश्वर्या अग्रवाल ने न्यायालय से इस पर निर्देश देने का आग्रह करते हुए कहा था कि जेईई (एडवांस) 2017 में शामिल विद्यार्थियों को बोनस अंक देने का फैसला उसके और अन्य छात्रों के अधिकारों का उल्लंघन है.
पिछली सुनवाई में IIT में दाखिले के लिए JEE परीक्षा का मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और IIT को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. दरअसल IIT ने कैमिस्ट्री के एक गलत सवाल के लिए 3 ग्रेस अंक और गणित के एक गलत सवाल के लिए 4 ग्रेस अंक दिए हैं जो सभी को दिए गए हैं. तमिलनाडू के वेल्लोर इलाके के एक छात्र ने सुप्रीम कोर्ट में ग्रेस अंक को चुनौती दी है और मांग की है कि मेरिट लिस्ट फिर से तैयार की जाए.
याचिका में कहा गया है कि IIT ने उन छात्रों को भी ग्रेस अंक दिए हैं जिन्होंने उन सवालों को हल करने का प्रयास ही नहीं किया जबकि ग्रेस अंक सिर्फ उन्हें मिलने चाहिए जिन्होंने इन सवालों को छोडने की बजाए हल करने की कोशिश की छात्र के मुताबिक इस ग्रेस अंकों की वजह से मेरिट लिस्ट प्रभावित हुई है और बहुत छात्रों को फर्क पडा है. इसलिए दोबारा से मेरिट लिस्ट तैयार की जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई भी हाईकोर्ट मामलों को नहीं सुनेगा. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि इस तरह की गलती फिर से ना हो. कोर्ट ने कहा कि परीक्षा में फूलप्रूफ मैकेनिज्म बनाएं कि गलत प्रश्न ना हो और बोनस अंक देने की नौबत ना आए. इस पूरे मामले में कोर्ट ने केंद्र से एक हलफनामा दाखिल करने को भी कहा. अब केस में 10 अक्तूबर को अगली सुनवाई होगी.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बोनस अंक देने के विवाद पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को आईआईटी और एनआईटी में होने वाली काउंसलिंग पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी.
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से इन संस्थानों में दाखिला ले चुके 23,000 छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया था. कोर्ट ने आईआईटी में काउंसलिंग और दाखिले के संबंध में दायर होने वाली किसी भी रिट याचिका को स्वीकार करने पर भी सभी उच्च न्यायालयों पर प्रतिबंध लगा दिया था. कोर्ट ने कहा था कि जब तक बोनस अंक देने की वैधता के बारे में फैसला नहीं होता तब तक दाखिला ले चुके छात्रों का भविष्य अधर में रहेगा.
कोर्ट ने सभी उच्च न्यायालयों के समक्ष लंबित याचिकाओं और आईआईटी-जेईई, 2017 की रैंक लिस्ट तथा परीक्षा में शामिल होने वाले सभी अभ्यथिर्यों को अतिरिक्त अंक देने को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं की जानकारी मांगी थी.
आईआईटी-जेईई, 2017 की रैंक सूची रद्द करने संबंधी अर्जी पर न्यायालय ने 30 जून को मानव संसाधन विकास मंत्रालय को नोटिस जारी किया था. आईआईटी में दाखिले की इच्छुक ऐश्वर्या अग्रवाल ने न्यायालय से इस पर निर्देश देने का आग्रह करते हुए कहा था कि जेईई (एडवांस) 2017 में शामिल विद्यार्थियों को बोनस अंक देने का फैसला उसके और अन्य छात्रों के अधिकारों का उल्लंघन है.
पिछली सुनवाई में IIT में दाखिले के लिए JEE परीक्षा का मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और IIT को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. दरअसल IIT ने कैमिस्ट्री के एक गलत सवाल के लिए 3 ग्रेस अंक और गणित के एक गलत सवाल के लिए 4 ग्रेस अंक दिए हैं जो सभी को दिए गए हैं. तमिलनाडू के वेल्लोर इलाके के एक छात्र ने सुप्रीम कोर्ट में ग्रेस अंक को चुनौती दी है और मांग की है कि मेरिट लिस्ट फिर से तैयार की जाए.
याचिका में कहा गया है कि IIT ने उन छात्रों को भी ग्रेस अंक दिए हैं जिन्होंने उन सवालों को हल करने का प्रयास ही नहीं किया जबकि ग्रेस अंक सिर्फ उन्हें मिलने चाहिए जिन्होंने इन सवालों को छोडने की बजाए हल करने की कोशिश की छात्र के मुताबिक इस ग्रेस अंकों की वजह से मेरिट लिस्ट प्रभावित हुई है और बहुत छात्रों को फर्क पडा है. इसलिए दोबारा से मेरिट लिस्ट तैयार की जाए.
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