नववर्ष के आगमन पर जश्न के दौरान दिल्ली-एनसीआर में जमकर आतिशबाजी हुई. प्रदूषण की गंभीर समस्या का सामना कर रही राष्ट्रीय राजधानी में कई जगह लोग सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित समय सीमा के पहले और बाद में भी पटाखे फोड़ते हुये नजर आए. केंद्र सरकार द्वारा संचालित वायु गुणवता एवं मौसम पूर्वामुमान प्रणाली (सफर) ने सोमवार को आगाह किया था कि खुले में अलाव जलाने या आतिशबाजी के कारण, वायु में प्रदूषण और अधिक हो जाएगा, जिससे हवा की गुणवत्ता में तेजी से गिरावट आ सकती है. यहां तक कि प्रदूषण अत्यंत गंभीर श्रेणी में भी पहुंच सकता है.
सुप्रीम कोर्ट का आदेश, दिल्ली-एनसीआर में सिर्फ ग्रीन पटाखे ही बिकेंगे
आतिशबाजी को लेकर दिए गए उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या से पहले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम के जिलाधिकारियों और दिल्ली पुलिस को पत्र लिखा था. लेकिन चेतावनी के बावजूद, कई जगहों पर शीर्ष अदालत के आदेश का उल्लंघन हुआ. उल्लंघन की घटनाओं की संख्या हालांकि तत्काल उपलब्ध नहीं हो सकी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आतिशबाजी की टाइमिंग में बदलाव को तैयार, लेकिन 2 घंटे से ज्यादा की इजाजत नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या पर जश्न को लेकर आदेश दिया था कि नव वर्ष का जश्न आधी रात से शुरू होता है इसलिए रात 11 बज कर 55 मिनट से लेकर 12 बज कर 30 मिनट तक केवल हरित पटाखे फोड़ने की अनुमति होगी. अक्तूबर से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक बना हुआ है. पिछले दस दिन से तो राष्ट्रीय राजधानी में वायु की गुणवत्ता लगातार हानिकारक बनी हुई है.
सुप्रीम कोर्ट के बैन का असर नहीं दिखा, जमकर हुई आतिशबाजी
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