भोपाल की जेल से फरार कैदियों को पुलिस ने मार गिराया. चित्र एनकाउंटर स्थल का है.
खास बातें
- भोपाल की जेल से कथित रूप से सिमी के आठ आतंकवादी फरार हुए थे.
- कुछ घंटों बाद पुलिस ने सभी को एक एनकाउंटर में मार गिराया.
- नकाउंटर से जुड़े वीडियो सामने आए जिनमें तरह-तरह के दावे किए गए.
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की जेल से कथित रूप से सिमी के आठ आतंकवादी फरार हुए थे. कुछ घंटों बाद पुलिस सभी फरार आरोपियों को एक एनकाउंटर में मार गिराया. इस एनकाउंटर से जुड़े कुछ वीडियो सामने आए थे जिनमें तरह-तरह के दावे किए गए थे. इन पर तमाम तरह से सवाल उठाए गए और राजनीति शुरू हो गई है.
भोपाल वीडियो सामने आने से भोपाल एनकाउंटर में उठे सवालों का जवाब देना होगा पुलिस को 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने फर्जी एनकाउंटरों को लेकर एक अहम आदेश जारी करते हुए 16 गाइडलाइन्स जारी की थी.
आइए बताते हैं कि सितंबर 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने एनकाउंटर पर 16 गाइडलाइन्स में क्या कहा था.
इनमें मुख्य हैं-
- एनकाउंटर के बाद मामले की FIR दर्ज की जाएगी जो इलाके से संबंधित कोर्ट भेजी जाएगी
- जांच राज्य की CID, दूसरे पुलिस स्टेशन या किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाएगी जो पूरी तरह साइंटिफिक, अच्छी तरह दस्तावेज आधारित और निर्णायक जांच रिपोर्ट तैयार करेगी. ये जांच SP रैंक का अधिकारी करेगा.
- एनकाउंटर से पहले किस तरह पुलिस टीम को जानकारी मिली, ये पुलिस डायरी में दर्ज करना होगा या किसी डिजिटल फार्म में होगा. अगर किसी हाई अथॉरिटी से सूचना मिली हो तो वो भी दर्ज होना चाहिए.
- एनकाउंटर में जख्मी लोगों को जल्द मेडकिल सुविधा उपलब्ध कराई जाए.
- एनकाउंटर के बाद इसकी मजिस्ट्रेटी जांच कराई जाएगी और ये रिपोर्ट इलाके के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट को भेजी जाएगी.
- एनकाउंटर में इस्तेमाल पहथियारों को पुलिस टीम सील करेगी और जांच के लिए फोरेंसिक और बैलेस्टिक लैब भेजेगी.
- मारे गए लोगों के पोस्टमार्टम के लिए दो डॉक्टरों की टीम होगी और हो सके तो एक जिला अस्पताल का हेड डॉक्टर हो.
- जब तक जांच पूरी नहीं होती, एनकाउंटर में शामिल पुलिस टीम को बारी से पहले तरक्की नहीं मिलेगी.