
प्रतीकात्मक फोटो
- सुप्रीम कोर्ट का बैन से इनकार
- केंद्र के पास जाने को कहा
- एंड टू एंड एन्किप्रशन का मामला
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
याचिका में कहा गया है कि अगर खुद वाट्स ऐप भी चाहे तो वह इन संदेशों को उपलब्ध नहीं करा सकता। इस प्रणाली की वजह से आतंकियों और अपराधियों को संदेश के अदान-प्रदान में आसानी होगी और देश की सुरक्षा को खतरा होगा। सुरक्षा एजेंसियां इन संदेशों को मॉनिटर नहीं कर पाएंगी। ऐसे में वाट्स ऐप पर बैन लगना चाहिए।
याचिका में यह भी कहा गया है कि एन्क्रिप्शन को सुपर कंप्यूटर से भी इंटरसेप्ट करना मुमकिन नहीं है और ऐसे में आतंकी गतिविधियों की रोकथाम के लिए सुरक्षा एजेंसियां न तो इंटरसेप्ट कर सकती हैं न ही जांच को आगे बढ़ा सकती हैं। इसलिए वाट्स ऐप, वाइबर, टेलीग्राम, हाइक और सिग्नल जैसे एप्स पर रोक लगाई जानी चाहिए।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं