बसपा सहित कई राजनीतिक दलों ने ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
चुनावों के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में गड़बड़ी के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट को कोई भी ठोस आधार नहीं मिला. चुनाव आयोग की दलीलों से संतुष्ट होकर कोर्ट ने इस मामले में दायर अपीलों पर सुनवाई को बंद करने का फैसला लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा वह चुनाव आयोग के जवाब से संतुष्ट है. चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि भविष्य के सभी चुनाव VVPAT के जरिए होंगे.
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दरअसल, ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी के आरोपों को निराधार और सुरक्षा के लिहाज से ईवीएम को फुलप्रूफ बताते हुए चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में पेपर ट्रेल के साथ 16 लाख से ज्यादा ईवीएम मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा. चुनाव आयोग ने ये भी भरोसा दिलाया है कि तकनीकी रूप से सक्षम मशीनों से आम चुनाव प्रक्रिया और भी पारदर्शी होगी.
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ईवीएम में गड़बड़ी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने कहा है कि तकनीकी सुरक्षा फीचर्स के साथ आयोग द्वारा प्रशासनिक स्तर पर उठाए गए कदम की वजह से ईवीएम ना सिर्फ मतदान के वक्त फुलप्रूफ है बल्कि निर्माण के वक्त, स्टोरेज और कहीं भी लाने-लेजाने के वक्त भी सुरक्षित है. चुनाव आयोग ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों ने गड़बड़ी के आरोप तो लगाए, लेकिन इसे लेकर कोई सबूत नहीं दिए.
चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया है कि भारत की मशीनों की तुलना विदेशों से नहीं की जा सकती, क्योंकि विदेशों में इंटरनेट से जुड़े कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है जिससे हैकिंग का खतरा बना रहता है. जबकि भारत में ऐसा कुछ नहीं है. आयोग का कहना है कि VVPAT का इस्तेमाल सबसे पहले 4 सितंबर, 2013 को नागालैंड के विधानसभा चुनाव में किया गया. तब से अब तक 266 विधानसभा और 9 संसदीय क्षेत्रों में इसका प्रयोग किया जा चुका है. हाल ही में हुए पांच राज्यों में चुनाव के दौरान आयोग ने 53 हज़ार, 500 वीवीपैट मशीनों का प्रयोग किया गया.
VIDEO: क्यों है ईवीएम पर बवाल?
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में ईवीएम में गड़बड़ी के आरोपों पर दायर बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी समेत और अन्य याचिकाओं पर सुनवाई चल रही थी.
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दरअसल, ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी के आरोपों को निराधार और सुरक्षा के लिहाज से ईवीएम को फुलप्रूफ बताते हुए चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में पेपर ट्रेल के साथ 16 लाख से ज्यादा ईवीएम मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा. चुनाव आयोग ने ये भी भरोसा दिलाया है कि तकनीकी रूप से सक्षम मशीनों से आम चुनाव प्रक्रिया और भी पारदर्शी होगी.
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ईवीएम में गड़बड़ी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने कहा है कि तकनीकी सुरक्षा फीचर्स के साथ आयोग द्वारा प्रशासनिक स्तर पर उठाए गए कदम की वजह से ईवीएम ना सिर्फ मतदान के वक्त फुलप्रूफ है बल्कि निर्माण के वक्त, स्टोरेज और कहीं भी लाने-लेजाने के वक्त भी सुरक्षित है. चुनाव आयोग ने कहा कि राजनीतिक पार्टियों ने गड़बड़ी के आरोप तो लगाए, लेकिन इसे लेकर कोई सबूत नहीं दिए.
चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया है कि भारत की मशीनों की तुलना विदेशों से नहीं की जा सकती, क्योंकि विदेशों में इंटरनेट से जुड़े कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है जिससे हैकिंग का खतरा बना रहता है. जबकि भारत में ऐसा कुछ नहीं है. आयोग का कहना है कि VVPAT का इस्तेमाल सबसे पहले 4 सितंबर, 2013 को नागालैंड के विधानसभा चुनाव में किया गया. तब से अब तक 266 विधानसभा और 9 संसदीय क्षेत्रों में इसका प्रयोग किया जा चुका है. हाल ही में हुए पांच राज्यों में चुनाव के दौरान आयोग ने 53 हज़ार, 500 वीवीपैट मशीनों का प्रयोग किया गया.
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दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में ईवीएम में गड़बड़ी के आरोपों पर दायर बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी समेत और अन्य याचिकाओं पर सुनवाई चल रही थी.
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