मोरल पुलिसिंग का काम कर रही मेकअप आर्टिस्ट एंड हेयर ड्रेसर एसोसिएशन : सुप्रीम कोर्ट

मोरल पुलिसिंग का काम कर रही मेकअप आर्टिस्ट एंड हेयर ड्रेसर एसोसिएशन : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने बॉलीवुड फिल्मों के लिए बनी मेकअप आर्टिस्ट एंड हेयर ड्रेसर एसोसिएशन को फटकार लगाई है और कहा कि आप खुद की बनाई संस्था हैं जो नैतिक पुलिस के तरीके से काम कर रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप कोर्ट के आदेश के बावजूद पंजीकरण के लिए एक लाख रुपये क्यों ले रहे हैं। एसोसिएशन इस बारे में रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटी को चार हफ्तों में जवाब दे।

मेकअप आर्टिस्ट चारू खुराना ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद एक लाख रुपये पंजीकरण राशि ली जा रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्रार से पूछा तो बताया गया कि इस बारे में एसोसिएशन को नोटिस दिया गया है लेकिन उनका जवाब है कि कोर्ट में मामला चल रहा है इसलिए जवाब नहीं देंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एसोसिएशन अपना जवाब रजिस्ट्रार को दाखिल करे और इसके बाद रजिस्ट्रार चार हफ्तों में सुप्रीम कोर्ट को इसके बारे में जानकारी दे।

गौरतलब है कि मेकअप आर्टिस्ट चारू खुराना की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बालीवुड में 65 साल से चली प्रथा को खत्म कर दिया था जिसमें फिल्मों में महिलाओं को मेकअप आर्टिस्ट और हेयर ड्रैसर के तौर पर पंजीकरण पर रोक थी।

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10 नवंबर 2014 को दिए अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि महिलाएं समाज का अभिन्न अंग हैं और उन्हें किसी भी काम से दूर नहीं रखा जा सकता। इसके बाद 5 जनवरी 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने एक लाख रुपये की पंजीरण राशि पर सवाल उठाते हुए अंतरिम आदेश जारी किए थे कि ये राशि 15 हजार रुपये होनी चाहिए। कोर्ट ने तमिलनाडु, केरल, आंघ्र प्रदेश को भी ये आदेश लागू करने के आदेश दिए थे।