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This Article is From Sep 23, 2020

लॉकडाउन में रद्द हवाई टिकटों के रिफंड पर SC ने मांगा नया हलफनामा, DGCA ने यात्रियों को तीन वर्गों में बांटा

केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि दायर हलफनामे के सभी स्पष्टीकरणों के साथ एक नया हलफनामा दायर किया जाएगा. 25 सितंबर को फिर सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई करेगी

लॉकडाउन में रद्द हवाई टिकटों के रिफंड पर SC ने मांगा नया हलफनामा, DGCA ने यात्रियों को तीन वर्गों में बांटा
नई दिल्ली:

लॉकडाउन (Loackdown) की अवधि में यात्रा के लिए पहले से बुक की गई हवाई टिकटों की पूरी राशि रिफंड कराने से जुड़ी एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है. याचिका में मांग की गई है कि लॉकडाउन की वजह से फ्लाइट्स उड़ानें नहीं भर सकीं, इसलिए बुक हवाई टिकटों का पूरा रिफंड मिले. याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से रिफंड के मोड का विवरण देते हुए नया हलफनामा दाखिल करने को कहा है. हवाई यात्रा यात्री संघ, ट्रैवल एजेंटों और एयरलाइंस ने DGCA द्वारा प्रस्तावित रिफंड पर सवाल उठाए जाने के बाद अब SC ने स्पष्टीकरण मांगा है.

केंद्र ने SC को बताया कि यह एक असाधारण स्थिति है, इसी वजह से किसी को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि दायर हलफनामे के सभी स्पष्टीकरणों के साथ एक नया हलफनामा दायर किया जाएगा. 25 सितंबर को फिर सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई करेगी. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने स्पष्ट किया है कि वो सभी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मार्गों पर 24 मई तक यात्रा के लिए, लॉकडाउन से पहले बुक किए गए हवाई टिकटों पर पूर्ण वापसी प्रदान करने के लिए कहेगा. 

इसके लिए DGCA ने यात्रियों को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया है:
1) 24 मई तक की अवधि के लिए लॉकडाउन से पहले बुकिंग करने वालों के लिए, रिफंड क्रेडिट शेल योजना और उसके बाद के प्रोत्साहन द्वारा नियंत्रित किया जाएगा.
2) लॉकडाउन के दौरान यात्रा के लिए की गई बुकिंग के लिए, एयरलाइंस द्वारा तुरंत धनवापसी की जाएगी "क्योंकि एयरलाइंस को इस तरह के टिकट बुक नहीं करने थे."
3) 24 मई के बाद की तारीखों में यात्रा के लिए जो बुकिंग की गई थी, उसके लिए धनवापसी नागरिक उड्डयन आवश्यकताओं (CAR) द्वारा नियंत्रित की जाएगी.

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पिछली सुनवाई में SC ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह लॉकडाउन के दौरान यात्रा के लिए बुक किए गए हवाई टिकटों की पूर्ण वापसी पर याचिकाकर्ताओं के स्पष्टीकरण का जवाब दे..SC ने एयरलाइंस और अन्य पक्षकारों से लॉकडाउन के दौरान बुक किए गए टिकटों के पूर्ण वापसी के लिए केंद्र के प्रस्ताव का जवाब देने के लिए कहा था. ज्यादातर एयरलाइंस केंद्र के प्रस्ताव से सहमत हैं और कुछ ने जवाब के लिए समय मांगा है. याचिकाकर्ताओं में से एक ने मांग की है  कि राहत उन सभी को दी जानी चाहिए जिनकी उड़ानें लॉकडाउन के कारण रद्द कर दी गई थीं.

केंद्र ने स्पष्ट किया है कि रिफंड केवल भारत से बुक किए गए टिकटों पर लागू होता है और यदि विदेशी एयरलाइंस विदेश से बुक करती हैं, तो भारत का अधिकार क्षेत्र नहीं है. इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा है कि लॉकडाउन के दौरान बुक किए गए टिकटों के लिए एयरलाइनों द्वारा 15 दिनों के भीतर पूरी राशि वापस दी जानी चाहिए. कोर्ट ने कहा यदि कोई एयरलाइन वित्तीय संकट में है और ऐसा करने में असमर्थ है तो उसे 31 मार्च, 2021 तक यात्रियों की पसंद का यात्रा क्रेडिट शेल प्रदान किया जाना चाहिए.  घरेलू, अंतरराष्‍ट्रीय और विदेशी एयरलाइनों में लॉकडाउन के दौरान बुक किए गए टिकटों के लिए पूर्ण राशि वापस करने का प्रस्ताव दिया गया है.

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सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामे में नागर विमानन के निदेशक ओ.के. गुप्ता ने कहा कि घरेलू एयरलाइनों के लिए यदि टिकटों को सीधे एयरलाइन या एक एजेंट के माध्यम से लॉकडाउन अवधि दौरान 25 मार्च-3 मई के बीच में यात्रा करने के लिए बुक किया गया था, तो ऐसे सभी मामलों में, एयरलाइंस द्वारा तुरंत पूरा रिफंड दिया जाएगा. केंद्र ने कहा कि क्रेडिट शेल के उपभोग में देरी होने पर यात्री को क्षतिपूर्ति देने के लिए इंसेन्टिव मैकेनिज्म होगा, जैसे 30 जून, 2020 तक टिकट रद्द होने की तारीख से, क्रेडिट शेल के मूल्य (पहले ली गई टिकट के मूल्य) में 0.5 फीसदी की वृद्धि होगी.

हलफनामे में आगे कहा गया है कि इसके बाद क्रेडिट शेल के मूल्य को मार्च 2021 तक प्रति माह अंकित मूल्य के 0.75 प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा. क्रेडिट शेल ट्रांसफर भी किया जा सकेगा. यात्री क्रेडिट शेल किसी भी व्यक्ति को ट्रांसफर कर सकता है और एयरलाइंस इस तरह के ट्रांसफर का सम्मान करेगी. एयरलाइंस इस तरह के ट्रांसफर की सुविधा के लिए एक मैकेनिज्म तैयार करेगी. वहीं मार्च 2021 के अंत तक एयरलाइन क्रेडिट शेल धारक को नकद वापस कर देगी. केंद्र ने कहा कि यह समाधान व्यावहारिक है, क्योंकि यह यात्रियों के साथ-साथ एयरलाइंस के हितों को संतुलित करता है. उन्होंने इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट से इसके कार्यान्वयन के लिए एक उपयुक्त आदेश पारित करने का आग्रह भी किया.
 

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