
नई दिल्ली:
सर्वोच्च न्यायालय ने हज जाने वाले तीर्थयात्रियों को सब्सिडी मुहैया कराने वाली सरकारी नीति मंगलवार को नामंजूर कर दी। न्यायमूर्ति आफताब आलम की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने सरकार को निर्देश दिया कि अगले 10 वर्षों के लिए हज तीर्थयात्रियों को सब्सिडी बंद कर दी जाए।
एक अन्य महत्वपूर्ण निर्देश में न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि प्रत्येक वर्ष सरकार द्वारा मक्का भेजे जाने वाले सद्भावना शिष्टमंडल में अब केवल दो सदस्य ही शामिल होंगे। फिलहाल सद्भावना शिष्टमंडल में 30 सदस्य होते हैं।
न्यायालय ने राज्यस्तरीय हज समितियों और भारतीय हज समिति से इस बात का भी विवरण मांगा है कि कितनी सब्सिडी दी जाती है और इस पर कुल कितना खर्च आता है।
एक अन्य महत्वपूर्ण निर्देश में न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि प्रत्येक वर्ष सरकार द्वारा मक्का भेजे जाने वाले सद्भावना शिष्टमंडल में अब केवल दो सदस्य ही शामिल होंगे। फिलहाल सद्भावना शिष्टमंडल में 30 सदस्य होते हैं।
न्यायालय ने राज्यस्तरीय हज समितियों और भारतीय हज समिति से इस बात का भी विवरण मांगा है कि कितनी सब्सिडी दी जाती है और इस पर कुल कितना खर्च आता है।
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