नई दिल्ली:
उच्चतम न्यायालय ने केरल के तट पर दो भारतीय मछुआरों की हत्या के बाद जब्त किए गए इतालवी पोत को आज छोड़ने का आदेश देने के साथ ही चार मरीन और चालक दल के छह सदस्यों को भारत से जाने की इजाजत दे दी।
इटली की सरकार और पोत ‘एनरिका लेक्सी’ के मालिक ने भरोसा दिया कि भारतीय अधिकारियों को जब भी जरूरत होगी, तब मरीन और चालक दल के छह सदस्य उपलब्ध रहेंगे। इसके बाद देश की सबसे बड़ी अदालत ने पोत और इन लोगों के भारत से जाने की इजाजत दे दी।
न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पोत के मालिक को केरल उच्च न्यायालय के महापंजीयक के समक्ष तीन करोड़ रुपये का मुचलका जमा कराने का आदेश दिया।
खंडपीठ ने कहा कि चालक दल के सदस्यों को सम्मन अथवा नोटिस मिलने के पांच सप्ताह के भीतर भारतीय अधिकारियों के समक्ष उपलब्ध होना पड़ेगा।
देश की शीर्ष अदालत ने यह भी आदेश दिया कि सम्मन अथवा नोटिस मिलने के बाद पोत को कानूनी अधिकारियों के सामने सात हफ्ते के भीतर लाना होगा।
खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि उसके आदेश का केरल सरकार की ओर से दो भारतीय मछुआरों की हत्या की जांच कराने और और अभियोजन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
इटली की सरकार और पोत ‘एनरिका लेक्सी’ के मालिक ने भरोसा दिया कि भारतीय अधिकारियों को जब भी जरूरत होगी, तब मरीन और चालक दल के छह सदस्य उपलब्ध रहेंगे। इसके बाद देश की सबसे बड़ी अदालत ने पोत और इन लोगों के भारत से जाने की इजाजत दे दी।
न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पोत के मालिक को केरल उच्च न्यायालय के महापंजीयक के समक्ष तीन करोड़ रुपये का मुचलका जमा कराने का आदेश दिया।
खंडपीठ ने कहा कि चालक दल के सदस्यों को सम्मन अथवा नोटिस मिलने के पांच सप्ताह के भीतर भारतीय अधिकारियों के समक्ष उपलब्ध होना पड़ेगा।
देश की शीर्ष अदालत ने यह भी आदेश दिया कि सम्मन अथवा नोटिस मिलने के बाद पोत को कानूनी अधिकारियों के सामने सात हफ्ते के भीतर लाना होगा।
खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि उसके आदेश का केरल सरकार की ओर से दो भारतीय मछुआरों की हत्या की जांच कराने और और अभियोजन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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