प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को हिट एंड रन के एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में व्यक्ति की मौत की स्थिति में पीड़ित के परिवार को दिये जाने वाला 25 हजार रुपये का मुआवजा कम है. साथ ही कोर्ट ने इस राशि को बढ़ाकर दो लाख रुपये करने संबंधी विधेयक संसद में लंबित होने की बात भी कही. गौरतलब है कि मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक , 2016 को लोकसभा ने अप्रैल , 2017 में पारित कर दिया था और उसके बाद उसे राज्यसभा की प्रवर समिति के पास भेज दिया गया था.
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समिति ने 22 दिसंबर , 2017 को इस पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी. भारत में सड़क सुरक्षा से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रहे शीर्ष न्यायालय को बताया गया कि हिट एंड रन मामले के पीड़ित को दिये जाने वाला 25 हजार रुपये का मुआवजा ‘ बहुत कम ’ है. न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि 25,000 रूपए बहुत कम हैं. इसे बढ़ाकर दो लाख रुपये करने का प्रस्ताव है. हालांकि इसे लेकर विधेयक लंबित है,लेकिन कोर्ट को उम्मीद है कि इस विधेयक को जल्द ही कानून का रूप दिया जाएगा. (इनपुट भाषा से)
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समिति ने 22 दिसंबर , 2017 को इस पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी. भारत में सड़क सुरक्षा से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रहे शीर्ष न्यायालय को बताया गया कि हिट एंड रन मामले के पीड़ित को दिये जाने वाला 25 हजार रुपये का मुआवजा ‘ बहुत कम ’ है. न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने कहा कि 25,000 रूपए बहुत कम हैं. इसे बढ़ाकर दो लाख रुपये करने का प्रस्ताव है. हालांकि इसे लेकर विधेयक लंबित है,लेकिन कोर्ट को उम्मीद है कि इस विधेयक को जल्द ही कानून का रूप दिया जाएगा. (इनपुट भाषा से)
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