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This Article is From Mar 15, 2018

यूआईडीएआई से अपने दिवंगत पिता का बायोमीट्रिक विवरण लेने के लिए बेटा पहुंचा अदालत

संतोष ने कोर्ट से मांग की है कि वह यूआईडीएआई को निर्देश दे कि वह उन्हें उनके दिवंगत पिता का बायोमीट्रिक डाटा सौंपे.

यूआईडीएआई से अपने दिवंगत पिता का बायोमीट्रिक विवरण लेने के लिए बेटा पहुंचा अदालत
सुप्रीम कोर्ट की फाइल फोटो
नई दिल्ली: एक अनोखे मामले में बेंगलूरू के एक मानव संसाधन प्रबंधक संतोष मिन बी ने आज उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है.संतोष ने कोर्ट से मांग की है कि वह यूआईडीएआई को निर्देश दे कि वह उन्हें उनके दिवंगत पिता का बायोमीट्रिक डाटा सौंपे. यह डाटा आधार कार्ड बनाने के लिए लिया गया था. संतोष ने कहा कि वह बायोमीट्रिक विवरण चाहते हैं क्योंकि उनके पिता की मृत्यु के मद्देनजर इसकी यूआईडीएआई के लिए कोई उपयोगिता नहीं होगी और इसका दुरुपयोग हो सकता है. संतोष एक आयुर्वेदिक क्लिनिक में काम करते हैं. उन्होंने शीर्ष अदालत से कहा कि उनके पिता की बेंगलूरू में मृत्यु हो गई थी. 

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प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने संतोष की याचिका पर अपनी दलील रखने के लिए दो मिनट का वक्त दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आधार योजना ‘अघोषित आपातकाल’ की तरह है. यह अदालत भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण को मेरे पिता का बायोमीट्रिक प्रिंटेड रूप में सौंपने का निर्देश दे सकती है ताकि मैं इसे भावी पीढ़ी के लिए रख सकूं.

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पीठ में न्यायमूर्ति ए के सीकरी, न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति अशोक भूषण भी शामिल हैं. पीठ ने उनकी दलीलों को रिकार्ड में रख लिया और मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 20 मार्च निर्धारित कर दी. (इनपुट भाषा से) 

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