नई दिल्ली : सरकार ने बताया है कि 2013 और 2014 के दौरान सुखोई विमानों (सुखोई-30 एमकेआई) के इंजन हवा में बंद होने के अलावा इंजन संबंधी अन्य समस्याओं की कुल 35 घटनाएं हुईं।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि युद्धक विमान सुखोई की उपयोगिता (सर्विसएबिलिटी) दर बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं और इसके इस साल के अंत तक 75 प्रतिशत हो जाने की संभावना है। यह दर अभी 56.57 प्रतिशत है।
उन्होंने कहा कि इंजन में गड़बडी को दूर करने के लिए सरकार गंभीर है और रूस की मूल उपकरण निर्माता कंपनी के साथ मिलकर परिचालनात्मक विश्वसनीयता सुधार कार्यक्रम चलाए गए हैं। उन्होंने कहा कि रूस की मूल उपकरण निर्माता कंपनी ने भी कई कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि नए इंजनों में भी सुधार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि संशोधित प्रौद्योगिकी से युक्त 25 नए इंजन प्राप्त किए गए हैं।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि बिहार के नालंदा आयुध कारखाने और उत्तर प्रदेश के कोरवा आयुध कारखाने में क्रमश: 934 करोड़ रुपये और 282 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।
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