उधर, आज कोर्ट के बाहर प्रदर्शनकारियों ने जमकर हंगामा किया। प्रदर्शनकारियों पुलिस सुरक्षा का घेरा तोड़ दिया, जिसके चलते पुलिसवालों को उन पर लाठियों का प्रयोग करना पड़ा। प्रदर्शकारियों में कांग्रेस कार्यकर्ता और शारदा चिट फंड में निवेश करने वाले लोग शामिल थे।
वैसे, शारदा चिट फंड कंपनी का घपला सामने आने के बाद पश्चिम बंगाल सरकार की नींद उड़ी हुई है। शारदा चिट फंड के मालिक सुदीप्तो सेन के लगाए आरोपों के घेरे में तृणमूल के दो सांसद कुणाल घोष और सृंजॉय बोस भी आ रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के भीतर कुछ नेता कुणाल घोष के खिलाफ कार्रवाई के पक्ष में हैं। नेताओं के अलावा चिट्ठी में वकीलों और पत्रकारों के भी नाम इस खत में हैं। इस संकट से उबरने के लिए ममता बुधवार को खुद सामने आईं। उन्होंने फौरन इस घोटाले के शिकार लोगों के लिए 500 करोड़ की राहत का ऐलान कर दिया।
अब इस ऐलान पर भी सवाल उठ रहे हैं। ममता सिगरेट पर टैक्स बढ़ाकर यह पैसा वसूलना चाहती हैं। यह भी कहा जा रहा है कि चिटफंड के घोटालेबाज अगर पैसा लेकर भाग गए तो उसकी भरपाई आम आदमी के पैसे से क्यों की जाए।
ममता ने कहा, मैं आपसे माफी चाहती हूं कि 500 करोड़ रुपये के इंतजाम के लिए एक जगह से मुझे पैसे जुटाने होंगे, बाकी पैसे दूसरी जगह से ले आएंगे। मैं सिगरेट पर 10 फीसदी टैक्स बढ़ाने जा रही हूं। इससे सिगरेट महंगा होगा, आप थोड़ा ज्यादा सिगरेट पीना, इससे पैसे जल्दी जमा हो जाएंगे।
इस बीच एक पीआइएल पर सुनवाई करते हुए कोलकाता हाइकोर्ट ने शारदा ग्रुप के सारे बैंक खातों को फ्रीज करने के आदेश दिए हैं।
यह भी कहा गया है कि कंपनी देश में कहीं भी अपनी संपत्ति ट्रांसफर नहीं कर सकती।
इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से भी हलफनामा देने को कहा है। जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस जयमाल्या बागची की बेंच ने कहा है कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए चूंकि इसका असर पूरे देश में पड़ना है।
सीबीआई के वकील ने कहा कि वह असम में चिटफंड की जांच कर रहे हैं। अब अगली सुनवाई 3 मई को है।
उधर, बंगाल में चिटफंड घोटाले के मुख्य आरोपी और शारदा ग्रुप के चेयरमैन सुदीप्तो सेन के कई और राज सामने आए हैं। सुदीप्तो सेन ने निवेशकों का भरोसा जितने के लिए बाइक एसेंबली की फैक्टरी बना रखी थी, लेकिन इस फैक्टरी से एक भी बाइक तैयार होकर नहीं निकली।
इस बीच आयकर महकमे ने शारदा चिट फंड कंपनी के कामकाज की जांच की बात कही है। शारदा कंपनी के मालिक ने सीबीआई को लिखी अपनी चिटठी में ही कई गड़बड़ियां मानी है। बताया है कि उसने अपने रसोइये को ही निदेशक बना रखा था।