क्या ट्विटर पर दक्षिणपंथी विचारधारा की सामग्री को रोका जा रहा है? बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर ने यह आरोप लगाया है और संसदीय समिति ने ट्विटर के अधिकारियों को तलब कर लिया है. इसी के साथ सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर बहस छिड़ गई है.
11 फरवरी को ट्विटर इंडिया के अधिकारी संसदीय समिति के सामने पेश होंगे. उनसे पूछताछ होगी कि क्यों एक खास विचारधारा से जुड़े लोगों के एकाउंट ब्लॉक किए गए हैं.
ट्विटर के रवैये के खिलाफा विरोध बढ़ता जा रहा है. ट्विटर पर आरोप लग रहा है कि एक विशेष विचारधारा से जुड़ी सामग्री ब्लॉक की जा रही है. इस शिकायत के बाद संसद की स्थायी समिति ने ट्विटर के बड़े अधिकारियों को 11 तारीख को पेश होने को कहा है.
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संसद की आईटी की स्थायी समिति के सदस्य विनय सहस्त्रबुद्धे ने NDTV से कहा कि 'हम 11 फरवरी को ट्विटर इंडिया के अधिकारियों को एक्जामिन करेंगे. आईटी की स्थायी समिति के चेयरमैन के पास शिकायत आई है कि एक विशेष विचारधारा के लोगों के खिलाफ भेदभाव हो रहा है और ट्विटर पर एक विशेष विचारधारा को रोकने की कोशिश हो रही है. ट्विटर इंडिया को यह समझना होगा कि भारत एक लोकतंत्र है, कोई बनाना रिपब्लिक नहीं.'
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इन दिनों सोशल मीडिया के तमाम मंचों पर जमकर राजनीति हो रही है. इसमें सूचनाएं, प्रचार, अफवाह सब शामिल हैं. पूर्व आईटी मंत्री कपिल सिब्बल का आरोप है कि दक्षिणपंथी संगठन सोशल मीडिया का जमकर दुरुपयोग करते रहे हैं. कपिल सिब्बल ने NDTV से कहा, "मुझे दुख है कि जो लोग 2014 से पहले और बाद ट्रोलिंग करते थे, सारे हाईवे को ब्लॉक करते थे वे अब शिकायत कर रहे हैं कि उनकी बात नहीं सुनी जा रही है. मुझे उनसे हमदर्दी है."
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वैसे कई सांसदों की राय है कि सोशल मीडिया की सामग्री पर नजर रखने के लिए कोई नियमन एजेंसी होनी चाहिए. एनसीपी नेता और राज्यसभा सांसद माजिद मेमन कहते हैं , "सोशल मीडिया आजकल काफी पब्लिक ओपीनियन को प्रभावित कर क्रेशिंग कर रहा है. सोशल मीडिया पर कंटेंट रेगुलेट करने के लिए एक रेगुलेटरी बॉडी सेटअप की जानी चाहिए."
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