शिवसेना नेता संजय राउत (फाइल फोटो)
मुंबई: शिवसेना ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिख कर 500 और 1000 रुपये के नोटों के विमुद्रीकरण के मामले में नागरिकों के साथ 'अपराधियों' जैसा व्यवहार बंद करने को कहा है.
काले धन पर चोट करने की सरकार की मंशा की तारीफ करते हुए राज्यसभा सांसद संजय राउत और अनिल देसाई ने इस बात को लेकर चिंता जाहिर की कि इसके तहत प्रत्येक भारतीय को एक अपराधी के रूप में देखा जा रहा है.
शनिवार देर रात जेटली को लिखे पत्र में राउत और देसाई ने कहा, "जिस तरह सरकार प्रत्येक नागरिक को एक अपराधी के रूप में देख रही है, उसे लेकर हम चिंतित हैं. अचानक नोटों को अवैध किए जाने से लाखों लोग और परिवार अस्तव्यस्तता की स्थिति में आ गए हैं.' दोनों नेताओं ने सरकार से अनुरोध किया कि वह 'नागरिकों को अपराधी नहीं मानें' और आम लोगों का दुख और नहीं बढ़ाएं, क्योंकि वे पहले ही से काफी दुखी हैं.
शिवसेना के नेताओं ने कहा कि सरकार को आम जनता को पर्याप्त समय देना चाहिए था और चूंकि यह लोकतंत्र है, इसलिए लोगों को विश्वास में लेना चाहिए था. लोगों की परेशानी के मद्देनजर दोनों नेताओं ने स्वास्थ्य सेवाओं, परिवहन, श्मशान घाटों, पेट्रोल पंपों और किराने की दुकानों समेत सभी तरह के उपयोगिता बिलों के भुगतानों के लिए इन रद्द नोटों के उपयोग की समय सीमा 30 दिसंबर तक बढ़ाने की अपील की.
शिवसेना नेता राउत और देसाई ने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि सरकार लोगों के दुखों के प्रति संवेदनशील होगी और उन्हें उस चश्मे से नहीं देखेगी जिससे स्विस बैंक के खातों में कालाधन रखने वालों को देखती है." दो दिन पहले शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने लोगों को परेशान करने के तरीके की निंदा करते हुए कहा था कि विमुद्रीकरण भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनावों में विनाशकारी साबित होगा.
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