मुंबई:
शिवसेना ने आज भाजपा से कहा कि वह हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच टी-20 विश्व कप क्रिकेट मैच के लिए ना कहने से सीख ले। साथ ही, पार्टी ने महाराष्ट्र सरकार से यह भी कहा कि भारतीय सरजमीं पर पाकिस्तानी कलाकारों के लिए पलक-पावड़े नहीं बिछाने चाहिए।
शिवसेना ने चेतावनी भरे लहजे में यह भी कहा कि अच्छा होता कि राज्य में सत्ता में बैठे लोग महाराष्ट्र में टी-20 मैच कराने के बारे में बात नहीं करते।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में छपे संपादकीय में कहा है, 'हम वीरभद्र सिंह का इस बात के लिए स्वागत करते हैं कि उन्होंने अपने राज्य में भारत-पाक के बीच टी-20 विश्व कप क्रिकेट मैच आयोजित किए जाने का विरोध किया। पठानकोट के जख्म और हमारे सैनिकों का खून अब भी ताजा हैं। देश के लोग उन नेताओं और बुकी से क्या उम्मीद कर सकते हैं जो क्रिकेट मैच और कलाकारों को देश में कार्यक्रम करने से नहीं रोक सकते।'
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने धर्मशाला में प्रस्तावित भारत-पाक मैच पर चिंता जताते हुए हाल ही में कहा था कि राज्य सरकार खिलाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकती और ऐसी जगह पर जहां शहीदों के परिवार रह रहे हैं, वहां पाकिस्तानी खिलाड़ियों का स्वागत करने से सैनिकों का अपमान होगा।
संपादकीय में कहा गया है कि 'यदि राज्य में सत्ता में बैठे लोग इससे भी कुछ सीख लेते हैं तो यह महाराष्ट्र के शहीद सैनिकों के लिए एक श्रद्धांजलि होगी। पाकिस्तानी नेताओं और कलाकारों का फिलहाल स्वागत रोका जाना चाहिए। अच्छा होता कि यदि लोग यहां (महाराष्ट्र में) भारत-पाकिस्तान टी-20 विश्वकप के समर्थन में नहीं उतरते।'
शिवसेना ने कहा है कि पाकिस्तानियों के स्वागत में पलक-पावड़े बिछाने से पहले हर किसी को इस बात का जवाब देना चाहिए कि पाकिस्तानी का उनके लिए क्या मतलब है।
शिवसेना ने चेतावनी भरे लहजे में यह भी कहा कि अच्छा होता कि राज्य में सत्ता में बैठे लोग महाराष्ट्र में टी-20 मैच कराने के बारे में बात नहीं करते।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में छपे संपादकीय में कहा है, 'हम वीरभद्र सिंह का इस बात के लिए स्वागत करते हैं कि उन्होंने अपने राज्य में भारत-पाक के बीच टी-20 विश्व कप क्रिकेट मैच आयोजित किए जाने का विरोध किया। पठानकोट के जख्म और हमारे सैनिकों का खून अब भी ताजा हैं। देश के लोग उन नेताओं और बुकी से क्या उम्मीद कर सकते हैं जो क्रिकेट मैच और कलाकारों को देश में कार्यक्रम करने से नहीं रोक सकते।'
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ने धर्मशाला में प्रस्तावित भारत-पाक मैच पर चिंता जताते हुए हाल ही में कहा था कि राज्य सरकार खिलाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सकती और ऐसी जगह पर जहां शहीदों के परिवार रह रहे हैं, वहां पाकिस्तानी खिलाड़ियों का स्वागत करने से सैनिकों का अपमान होगा।
संपादकीय में कहा गया है कि 'यदि राज्य में सत्ता में बैठे लोग इससे भी कुछ सीख लेते हैं तो यह महाराष्ट्र के शहीद सैनिकों के लिए एक श्रद्धांजलि होगी। पाकिस्तानी नेताओं और कलाकारों का फिलहाल स्वागत रोका जाना चाहिए। अच्छा होता कि यदि लोग यहां (महाराष्ट्र में) भारत-पाकिस्तान टी-20 विश्वकप के समर्थन में नहीं उतरते।'
शिवसेना ने कहा है कि पाकिस्तानियों के स्वागत में पलक-पावड़े बिछाने से पहले हर किसी को इस बात का जवाब देना चाहिए कि पाकिस्तानी का उनके लिए क्या मतलब है।
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