दिल्ली सरकार आज जनलोकपाल बिल को विधानसभा में पेश नहीं करेगी। सूत्रों के मुताबिक, आज वह जनलोकपाल और स्वराज बिल की कॉपी विधायकों में बांटेगी। दिल्ली सरकार ने फैसला किया है कि वह 15 फरवरी को स्वराज बिल और 16 फरवरी को जनलोकपाल बिल पर बहस करेगी। हालांकि इस बिल को विधानसभा में पेश करने को लेकर अब भी विवाद बना हुआ है।
इससे पूर्व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया था कि अगर विधानसभा में सरकार बिल को पास नहीं करा सकी तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।
उधर, जनलोकपाल को लेकर विधानसभा का सत्र बाहर कराने को लेकर अब सरकार अपनी ही बात पर पलटती नजर आ रही है। दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने हाईकोर्ट में दलील दी है कि बाहर सत्र कराने का कोई प्रस्ताव ही नहीं दिया। इस दलील के बाद हाईकोर्ट ने पीआईएल वापस लेने का आदेश दे दिया है।
उल्लेखनीय है कि जनलोकपाल बिल को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार आमने-सामने है। केंद्रीय विधि और न्याय मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि गृह मंत्रालय की मंजूरी के बगैर इस बिल को विधानसभा में पेश नहीं किया जा सकता, वहीं दिल्ली सरकार का कहना है कि बिल को विधानसभा में पेश करने के लिए उन्हें उपराज्यपाल या फिर केंद्र सरकार की मंजूरी की जरूरत नहीं है।
आम आदमी पार्टी को समर्थन दे रही कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल बीजेपी का कहना है कि वह संवैधानिक प्रावधानों की अवहेलना बर्दाश्त नहीं करेंगे। दिल्ली सरकार आज से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में जनलोकपाल के अलावा स्वराज बिल भी पास कराना चाहती है, लेकिन चार दिन के सत्र की सूची में इन दोनों बिलों का जिक्र नहीं है।
वहीं केंद्रीय कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा है कि दिल्ली सरकार को उपराज्यपाल की बात माननी चाहिए, क्योंकि उन्हें अधिकार संसद ने दिए हैं और अगर संसद कहती है कि लकपाल बिल पेश नहीं हो सकता तो राज्य सरकार को बिल पेश नहीं करना चाहिए।
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