लालू प्रसाद यादव (फाइल फोटो)
पटना:
बिहार के भागलपुर जिले में 502 करोड़ रुपया का एनजीओ घोटाला सामने आया है. इसके तहत शहरी विकास के लिए भेजी गई यह राशि गैर-सरकारी संगठन के खातों में पहुंचाई गई. अब तक इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. इसके साथ ही आरोप लगाया कि इस गैर सरकारी संगठन 'सृजन' से कई बीजेपी नेताओं के घनिष्ठ संबंध रहे हैं.
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लालू प्रसाद ने बीजेपी नेताओं शाहनवाज हुसैन और गिरिराज सिंह जैसे नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन नेताओं के इस एनजीओ की संस्थापक मनोरमा देवी से संबंध थे. मनोरमा देवी की इसी अप्रैल में मृत्यु हो गई. इन दोनों नेताओं की मनोरमा देवी के साथ फोटोग्राफ भी सामने आए हैं. हालांकि राजद नेता ने अपने दावे के समर्थन में कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया. शाहनवाज हुसैन ने सफाई देते हुए कहा था कि वह मनोरमा देवी को जानते थे लेकिन किसी भी प्रकार की गड़बड़ी के बारे में उनको कोई जानकारी नहीं थी.
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इस मामले की प्राथमिक जांच से उजागर हुआ है कि मुख्यमंत्री नगर विकास योजना के तहत भूमि अधिग्रहण के लिए सरकारी बैंकों में पैसा जमा हुआ जोकि गैर-सरकारी संगठन सृजन महिला विकास सहयोग समिति के खाते में ट्रांसफर हो गया. यह संगठन वास्तव में उत्तरी बिहार के भागलपुर में स्थित है. यह जिले के विभिन्न ब्लॉक में महिलाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कराता है. यह महिलाओं को रोजगार भी उपलब्ध कराता है.
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पुलिस के मुताबिक यह एनजीओ एक को-ऑपरेटिव बैंक भी चलाता था और आरबीआई से बैंक के लाइसेंस के लिए अप्लाई किया था. इस मामले में गत गुरुवार को सृजन महिला सहयोग समिति के पदाधिकारियों, बैंक के पदाधिकारी, सरकारी कर्मी (जो खाते एवं उसके दस्तावेज की देख-रेख करता था), पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. अब तक कुल मिलाकर इस केस में पांच केस दर्ज हो चुके हैं. इस घोटाले के तार अन्य जिलों तक पहुंचने की आशंका के मद्देनजर राज्य सरकार ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को बैंकों में जमा सरकारी धन की पड़ताल करने को कहा है.
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लालू प्रसाद ने बीजेपी नेताओं शाहनवाज हुसैन और गिरिराज सिंह जैसे नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन नेताओं के इस एनजीओ की संस्थापक मनोरमा देवी से संबंध थे. मनोरमा देवी की इसी अप्रैल में मृत्यु हो गई. इन दोनों नेताओं की मनोरमा देवी के साथ फोटोग्राफ भी सामने आए हैं. हालांकि राजद नेता ने अपने दावे के समर्थन में कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया. शाहनवाज हुसैन ने सफाई देते हुए कहा था कि वह मनोरमा देवी को जानते थे लेकिन किसी भी प्रकार की गड़बड़ी के बारे में उनको कोई जानकारी नहीं थी.
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शाहनवाज हुसैन और गिरिराज सिंह (फाइल फोटो)
इस मामले की प्राथमिक जांच से उजागर हुआ है कि मुख्यमंत्री नगर विकास योजना के तहत भूमि अधिग्रहण के लिए सरकारी बैंकों में पैसा जमा हुआ जोकि गैर-सरकारी संगठन सृजन महिला विकास सहयोग समिति के खाते में ट्रांसफर हो गया. यह संगठन वास्तव में उत्तरी बिहार के भागलपुर में स्थित है. यह जिले के विभिन्न ब्लॉक में महिलाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कराता है. यह महिलाओं को रोजगार भी उपलब्ध कराता है.
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पुलिस के मुताबिक यह एनजीओ एक को-ऑपरेटिव बैंक भी चलाता था और आरबीआई से बैंक के लाइसेंस के लिए अप्लाई किया था. इस मामले में गत गुरुवार को सृजन महिला सहयोग समिति के पदाधिकारियों, बैंक के पदाधिकारी, सरकारी कर्मी (जो खाते एवं उसके दस्तावेज की देख-रेख करता था), पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. अब तक कुल मिलाकर इस केस में पांच केस दर्ज हो चुके हैं. इस घोटाले के तार अन्य जिलों तक पहुंचने की आशंका के मद्देनजर राज्य सरकार ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को बैंकों में जमा सरकारी धन की पड़ताल करने को कहा है.
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