प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
देशभर में युवा वैलेंटाइन डे मनाने के लिए तरह तरह की योजना बना रहे हैं लेकिन जम्मू कश्मीर में युवा ऐसा नहीं कर सकते. वजह है इसके खिलाफ कश्मीर में दुख्तरान-ए-मिल्लत तो जम्मू में श्रीराम सेना ने मोर्चा संभाल लिया है. 14 फरवरी को भारत ही नहीं दुनियाभर में युवा प्रेम के दिन के तौर मनाते हैं लेकिन अगर जम्मू कश्मीर में युवक युवतियां इसे मनाते हैं तो जरा संभल कर. कहने को पुलिस भी तैयार है लेकिन अक्सर वो घटना हो जाने के बाद ही आती है. पुलिस के मुताबिक अगर युवाओं की भावनाओं को जोर जबरदस्ती से दबाने के प्रयास हुए तो कार्रवाई होगी. यहां तो हालत ये है कि कश्मीर में दुख्तरान-ए-मिल्लत ने साफ-साफ धमकी दे डाली है, वहीं जम्मू में श्रीराम सेना ने बाकायदा छापामार दस्ते बना लिए हैं जो ऐसे जोड़ों को पकड़ेंगे जो वैलेंटाइन डे मना रहे होंगे.
दुख्तरान-ए-मिल्लत की प्रमुख आयशा अंद्राबी का कहना है कि वैलेंटाइन डे पश्चिमी सभ्यता की देन है जो इस्लाम में मान्य नहीं है. जाहिर है अकेले युवक-युवतियों पर खतरा सिर्फ कश्मीर में ही नहीं है बल्कि जम्मू में भी है. श्रीराम सेना ने भी चेतावनी दी है कि वो किसी भी जोड़े को ऐसा नहीं करने देंगे. श्रीराम सेना ने पिछली बार पर्चे बांट कर सभी को चेतावनी दी थी कि वैलेंटाइन डे मनाने वाले अंजाम के जिम्मेदार खुद होंगे.
अगर श्रीराम सेना की मानें तो वैलेंटाइन डे का विरोध इस बार सिर्फ जम्मू शहर तक ही सीमित नहीं होगा बल्कि छोटे छोटे कस्बों में भी होगा. वहीं दुख्तरान-ए-मिल्लत इस दिन को मनाने की कोशिश करने वालों को केबिन कल्चर के खिलाफ कुछ समय पहले छेड़ी गई अपनी मुहिम की याद दिलाना चाहती है. वो साफ धमकी दे रही है कि केबिन कल्चर समाप्त करने की मुहिम के दौरान पकड़े गए जोड़ों के साथ जो हुआ था, वैलेंटाइन डे को मनाने वालों के साथ उससे भी बुरा हो सकता है. ध्यान रहे कि केबिन कल्चर के खिलाफ चलाई गई मुहिम में आतंकी गुट ने कईयों को जिंदा जलाने की कोशिश की थी.
अपनी बात को मनवाने के लिए दुख्तरान-ए-मिल्लत ने घाटी में वैलेंटाइन डे पर सख्त पाबंदी का ऐलान करते हुए इस बाबत शिक्षण संस्थानों और डाउन टाउन स्थित मस्जिदों के बाहर पोस्टर लगाकर युवा जोड़ों को प्रेम के प्रदर्शन से बचने की चेतावनी दी है. मिल्लत ने तो पश्चिमी संस्कृति से प्रभावित युवक और युवतियों को रोकने के लिए महिलाओं के विशेष दस्ते बनाए हैं. कई ग्रीटिंग कार्ड विक्रेताओं को भी वैलेंटाइन डे संबंधी कार्ड नहीं बेचने को कहा गया है जिससे दुकानदार काफी डरे हुए हैं. इन सब धमकियों के बावजूद जम्मू कश्मीर के कुछ हिम्मती युवाओं ने ऐलान किया है कि हमें प्रेम का त्योहार मनाने से कोई रोक नहीं सकता.
दुख्तरान-ए-मिल्लत की प्रमुख आयशा अंद्राबी का कहना है कि वैलेंटाइन डे पश्चिमी सभ्यता की देन है जो इस्लाम में मान्य नहीं है. जाहिर है अकेले युवक-युवतियों पर खतरा सिर्फ कश्मीर में ही नहीं है बल्कि जम्मू में भी है. श्रीराम सेना ने भी चेतावनी दी है कि वो किसी भी जोड़े को ऐसा नहीं करने देंगे. श्रीराम सेना ने पिछली बार पर्चे बांट कर सभी को चेतावनी दी थी कि वैलेंटाइन डे मनाने वाले अंजाम के जिम्मेदार खुद होंगे.
अगर श्रीराम सेना की मानें तो वैलेंटाइन डे का विरोध इस बार सिर्फ जम्मू शहर तक ही सीमित नहीं होगा बल्कि छोटे छोटे कस्बों में भी होगा. वहीं दुख्तरान-ए-मिल्लत इस दिन को मनाने की कोशिश करने वालों को केबिन कल्चर के खिलाफ कुछ समय पहले छेड़ी गई अपनी मुहिम की याद दिलाना चाहती है. वो साफ धमकी दे रही है कि केबिन कल्चर समाप्त करने की मुहिम के दौरान पकड़े गए जोड़ों के साथ जो हुआ था, वैलेंटाइन डे को मनाने वालों के साथ उससे भी बुरा हो सकता है. ध्यान रहे कि केबिन कल्चर के खिलाफ चलाई गई मुहिम में आतंकी गुट ने कईयों को जिंदा जलाने की कोशिश की थी.
अपनी बात को मनवाने के लिए दुख्तरान-ए-मिल्लत ने घाटी में वैलेंटाइन डे पर सख्त पाबंदी का ऐलान करते हुए इस बाबत शिक्षण संस्थानों और डाउन टाउन स्थित मस्जिदों के बाहर पोस्टर लगाकर युवा जोड़ों को प्रेम के प्रदर्शन से बचने की चेतावनी दी है. मिल्लत ने तो पश्चिमी संस्कृति से प्रभावित युवक और युवतियों को रोकने के लिए महिलाओं के विशेष दस्ते बनाए हैं. कई ग्रीटिंग कार्ड विक्रेताओं को भी वैलेंटाइन डे संबंधी कार्ड नहीं बेचने को कहा गया है जिससे दुकानदार काफी डरे हुए हैं. इन सब धमकियों के बावजूद जम्मू कश्मीर के कुछ हिम्मती युवाओं ने ऐलान किया है कि हमें प्रेम का त्योहार मनाने से कोई रोक नहीं सकता.
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