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This Article is From Jul 15, 2015

12 साल में एक बार खुलते हैं इस मंदिर के कपाट, अभी है दर्शनों का मौका

12 साल में एक बार खुलते हैं इस मंदिर के कपाट, अभी है दर्शनों का मौका
नासिक: महाराष्ट्र के रामकुंड में मंगलवार को श्री गंगा गोदावरी मंदिर का कपाट 12 साल बाद खुला और इसके साथ ही धरती पर सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक सिंहस्थ कुंभ मेला नासिक व त्रयंबकेश्वर में शुरू हो गया। मंदिर में दर्शन के लिए तड़के गोदावरी नदी के किनारे हजारों श्रद्धालु कतार में खड़े रहे।

मंदिर के पुजारी एस.डब्ल्यू. जादव व अन्य सहयोगियों ने देवी गोदावरी की पूजा-अर्चना की। इस दौरान हजारों श्रद्धालु उपस्थित थे। जादव ने संवाददाताओं, तीर्थयात्रियों व पर्यटकों से कहा, 'यह दुनिया का अपने तरह का पहला ऐसा मंदिर है, जो नाशिक में 12 साल के कुंभ मेला चक्र के दौरान खुलता है। जब यह अगले 12 साल के लिए बंद रहता है, तब लोग बाहर से इसकी पूजा-अर्चना करते हैं।'

श्री गंगा गोदावरी मंदिर के अलावा यहां कुल 108 मंदिर हैं, और पास में ही रामकुंड भी है, जो इस जगह को देश का सबसे पवित्र स्थल बनाता है। रामकुंड मंदिर भगवान शिव से संबंधित है और कपालेश्वर मंदिर देश का ऐसा पहला मंदिर है, जहां मंदिर के प्रवेश द्वार पर नंदी की जगह एक सांड हैं।

उन्होंने कहा, 'ऐसा माना जाता है कि एक बार नंदी ने भगवान शिव को परामर्श दिया था कि यदि वह रामकुंड में स्नान करते हैं, तो ब्रह्म-हत्या के दोष से मुक्त हो जाएंगे। इससे प्रभावित होकर भगवान शिव ने नंदी को अपने गुरुओं में शामिल कर लिया और यही वजह है कि कपालेश्वर मंदिर के बाहर नंदी की कोई मूर्ति नहीं है।'

रामकुंड भी एक अति पवित्र जगह है, जहां 14 साल के वनवास के दौरान भगवान राम, सीता तथा लक्ष्मण ने कुछ साल बिताए थे। यहां से आठ किलोमीटर दूर अंजनेरी की पहाड़ियों में वह स्थान है, जिसे भगवान हनुमान का जन्म स्थल माना जाता है।

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