नई दिल्ली:
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की किताब में हुए खुलासों से राजनीतिक हलकों में मची हलचल के बीच मध्य प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर ने सोनिया गांधी को बड़े दिल वाली महिला करार दिया है। किताब में कहा गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया ने प्रधानमंत्री बनने से इनकार कर दिया था।
कलाम के खुलासे के बाद भले ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सोनिया की तारीफ करने से कतरा रही हो, लेकिन गौर ने उनकी खुलकर सराहना की है। एक निजी चैनल से बातचीत में गौर ने कहा कि कलाम ने अपनी किताब में कहा है कि सोनिया गांधी 2004 में जब उनसे मिलने पहुंचीं तो उन्होंने स्वयं प्रधानमंत्री बनने से इनकार करते हुए मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाने की सिफारिश की। यह बड़ी बात है।
गौर ने आगे कहा कि जब किसी मंत्री या मुख्यमंत्री को पद से हटा दिया जाता है तो वह बेचैन हो जाता है, मगर एक महिला ने प्रधानमंत्री बनने से इंकार कर दिया। परिस्थितियां चाहे जो रही हों, मगर यह बड़े दिल का काम है। सोनिया का प्रधानमंत्री न बनने का फैसला यह बताता है कि उनका हृदय और मन बड़ा है।
गौर ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री देश का सबसे बड़ा पद है, और इसे पाने के लिए प्रतियोगिता व संघर्ष तक होता है। इस पद का त्याग करना बड़े दिल का प्रमाण है।
कलाम के खुलासे के बाद भले ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सोनिया की तारीफ करने से कतरा रही हो, लेकिन गौर ने उनकी खुलकर सराहना की है। एक निजी चैनल से बातचीत में गौर ने कहा कि कलाम ने अपनी किताब में कहा है कि सोनिया गांधी 2004 में जब उनसे मिलने पहुंचीं तो उन्होंने स्वयं प्रधानमंत्री बनने से इनकार करते हुए मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाने की सिफारिश की। यह बड़ी बात है।
गौर ने आगे कहा कि जब किसी मंत्री या मुख्यमंत्री को पद से हटा दिया जाता है तो वह बेचैन हो जाता है, मगर एक महिला ने प्रधानमंत्री बनने से इंकार कर दिया। परिस्थितियां चाहे जो रही हों, मगर यह बड़े दिल का काम है। सोनिया का प्रधानमंत्री न बनने का फैसला यह बताता है कि उनका हृदय और मन बड़ा है।
गौर ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री देश का सबसे बड़ा पद है, और इसे पाने के लिए प्रतियोगिता व संघर्ष तक होता है। इस पद का त्याग करना बड़े दिल का प्रमाण है।
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