कांग्रेस समेत 22 विपक्षी दलों ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बैठक कर कोरोना वायरस महामारी के बीच प्रवासी श्रमिकों की स्थिति और मौजूदा संकट से निपटने के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों पर चर्चा की है. साथ ही 11 सूत्रीय मांगें सरकार के सामने रखी गई हैं. इस बैठक में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, केसी वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन खड़गे और अधीर रंजन चौधरी, पूर्व प्रधानमंत्री एवं जद (एस) नेता एचडी देवेगौड़ा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार एवं प्रफुल्ल पटेल, तृणमूल कांग्रेस से ममता बनर्जी एवं डेरेक ओब्रायन, शिवसेना से उद्धव ठाकरे और संजय राउत तथा द्रमुक से एमके स्टालिन शामिल हुए. माकपा के सीताराम येचुरी, झामुमो के हेमंत सोरेन, भाकपा के डी राजा, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, राजद के तेजस्वी यादव एवं मनोज झा, रालोद के जयंत चौधरी, रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा, एआईयूडीएफ के बदरूददीन अजमल, आईयूएमएल के पीके कुनालिकुट्टी, हम के जीतन राम मांझी, केरल कांग्रेस (एम) के जोस के. मणि, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन, स्वाभिमानी पक्ष के राजू शेट्टी, तमिलनाडु की पार्टी वीसीके के थोल थिरुमावलन और टीजेएस के कोंडनदरम ने बैठक में शिरकत की.
सोनिया गांधी की बैठक में 22 दलों की 11 मांगे
- आयकर दायरे से बाहर के सभी परिवारों को छह महीने के लिए 7500 रुपये प्रति माह दिया जाए.
- 10 हजार रुपये तत्काल दिए जाएं और शेष पांच महीने में दिया जाए.
- सभी जरूरतमंद लोगों को अगले छह महीने के लिए 10 किलोग्राम प्रति माह अनाज दिया जाए.
- इसके साथ ही मनरेगा के तहत कामकाज के दिनों को 150 से बढ़ाकर 200 दिन किया जाए।
- प्रवासी कामगारों को उनके घर भेजने के लिए मुफ्त परिवहन सेवा मुहैया कराई जाए तथा विदेश में फंसे भारतीय छात्रों और नागरिकों को वापस लाने का इंतजाम किया जाए.
- कोविड-19 की जांच, संक्रमण, स्वास्थ्य ढांचे और संक्रमण रोकने के उपायों को लेकर सटीक जानकारी मुहैया कराई जाए.
- श्रम कानूनों में बदलाव सहित सभी एकतरफा नीतिगत निर्णयों को बदला जाए.
- किसानों से रबी की उपज को एमएसपी के मुताबिक खरीदा जाए तथा खरीफ की फसल के लिए किसानों को बीज, उर्वरक और दूसरी सुविधाएं दी जाएं.
- कोरोना महामारी से अग्रिम मोर्चे पर लड़ रही राज्य सरकारों को उचित धन मुहैया कराया जाए। अगर लॉकडाउन से बाहर निकलने की कोई रणनीति है तो उसके बारे में स्पष्ट रूप से बताया जाए.'
- संसदीय कामकाज और समितियों की बैठक बहाल कराई जाए, 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की जगह एक संशोधित और समग्र पैकेज पेश किया जाए.
- कोई भी अंतरराष्ट्रीय अथवा घरेलू उड़ान शुरू करते समय संबंधित राज्य सरकार से विचार-विमर्श किया जाए.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)