कांग्रेस के नए गठबंधन सहयोगी शिवसेना (Shiv Sena) द्वारा लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Bill) का समर्थन करने से सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) नाराज हैं. सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने इस मुद्दे पर शिवसेना के टॉप लीडरशिप को संदेश दिया और महाराष्ट्र में गठबंधन से बाहर आने की चेतवानी भी दी. कांग्रेस का कहना है कि शिवसेना का अगर यही रुख कुछ मंत्रालय हमारे लिए अहमियत नहीं रखता. इसके बाद ही शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) की तरफ़ से बयान आया कि कल जो लोकसभा में हुआ भूल जाइए, लेकिन देखना है कि राज्यसभा में शिवसेना क्या करती है. अब राज्यसभा में शिवसेना के रुख पर नजर रहेगी. उधर, सूत्रों के अनुसार खबर है कि आज रात तक महाराष्ट्र के 6 मंत्रियों के विभागों का ऐलान किया जा सकता है. कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट को राजस्व विभाग मिलने की चर्चा आज हुई बैठक में की गई है.
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बता दें कि इससे पहले नागरिकता बिल पर शिवसेना ने एक बार फिर अपना रुख बदल लिया. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि जब तक चीजें स्पष्ट नहीं हो जाती, हम समर्थन नहीं करेंगे. मीडिया से बात करते हुए ठाकरे ने कहा, 'जब तक चीजें स्पष्ट नहीं हो जाती, हम बिल का समर्थन नहीं करेंगे. अगर कोई भी नागरिक इस बिल की वजह से डरा हुआ है तो उनके शक दूर होने चाहिए. वे भी हमारे नागरिक हैं, इसलिए उनके सवालों के भी जवाब दिए जाने चाहिए.' बता दें, लोकसभा में बिल के पास होने से पहले शिवसेना ने इसका विरोध किया था, फिर जब इस सदन में पेश किया गया तो शिवसेना के सांसदों ने इस बिल का समर्थन किया.
बिल पेश होने से पहले आलोचना, फिर पक्ष में वोट
लोकसभा में बिल पेश होने से पहले शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में इसकी आलोचना करते हुए सवाल उठाए थे कि क्या हिंदू अवैध शरणार्थियों की 'चुनिंदा स्वीकृति' देश में धार्मिक युद्ध छेड़ने का काम नहीं करेगी और उसने केंद्र पर विधेयक को लेकर हिंदुओं तथा मुस्लिमों का 'अदृश्य विभाजन' करने का आरोप लगाया. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने यह भी कहा कि विधेयक की आड़ में 'वोट बैंक की राजनीति' करना देश के हित में नहीं है. लेकिन बाद में शिवसेना ने लोकसभा में इस बिल का समर्थन किया.
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'कॉमन मिनिमम प्रोग्राम सिर्फ महाराष्ट्र के लिए'
उधर, शिवसेना सांसद अरविंद सावंत से पूछा गया कि क्या पार्टी राज्यसभा में बिल का समर्थन करेगी तो उन्होंने कहा, अलग-अलग भूमिका होती क्या हमारी? राष्ट्र हित की भूमिका लेकर शिवसेना खड़ी रहती है इस पर किसी का एकाधिकार नहीं है. वहीं एनडीटीवी से बातचीत में अरविंद सावंत ने साफ किया है कि हमारे बीच कॉमन मिनिमम प्रोग्राम महाराष्ट्र के लिए है.
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बिल के पक्ष में सरकार की दलील
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक के पीछे कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है. किसी के साथ अन्याय का कोई प्रश्न ही नहीं उठता है. अमित शाह ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक धार्मिक रूप से प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का बिल है. इस बिल ने किसी मुस्लिम के अधिकार नहीं लिए हैं. हमारे एक्ट के अनुसार कोई भी आवेदन कर सकता है. नियमों के अनुसार आवेदन करने वालों को नागरिकता दी जाएगी.'
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कांग्रेस का ऐतराज
कांग्रेस ने नागरिकता संशोधन विधेयक को असंवैधानिक एवं संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताया और कहा कि इसमें न केवल धर्म के आधार पर भेदभाव किया गया है, बल्कि यह सामाजिक परंपरा और अंतरराष्ट्रीय संधि के भी खिलाफ है. कांग्रेस के मनीष तिवारी ने कहा, 'यह विधेयक असंवैधानिक है, संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. जिन आदर्शों को लेकर बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने संविधान की रचना की थी, यह उसके भी खिलाफ है.' उन्होंने कहा कि नागरिकता कानून में आठ बार संशोधन किया गया है, लेकिन जितनी उत्तेजना इस बार है, उतनी कभी नहीं थी.
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