एमएम कलबुर्गी (फाइल फोटो)
बेंगलुरु:
कन्नड़ चिंतक एमएम कलबुर्गी के हत्यारों की गिरफ्तारी में देरी होने से दुखी छह कन्नड़ लेखकों ने शनिवार को अपने पुरस्कार कन्नड़ साहित्य परिषद को लौटा दिए। कलबुर्गी की 30 अगस्त को उनके आवास पर अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
कन्नड़ साहित्य परिषद के अध्यक्ष पुंडलिक हलाम्बी ने बताया, 'सभी छह बेंगलुरु मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन अरालू साहित्य पुरस्कार विजेताओं ने अपने पुरस्कार लौटा दिए हैं। कलबुर्गी के हत्यारों की गिरफ्तारी में विलंब होने से दुखी होकर उन्होंने अपने पुरस्कार लौटाए।'
उनकी हत्या से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर तूफान खड़ा हो गया। पुलिस को अब भी हत्यारों और उनकी मंशा के बारे में पता नहीं चल पाया है, जबकि वे दक्षिणपंथी कट्टर तत्वों की संदिग्ध भूमिका की जांच कर रहे हैं। सीआईडी मामले की जांच कर रही है और सरकार ने घोषणा की है कि जांच सीबीआई को सौंपी जाएगी।
वीरन्ना मादीवलार, टी. सतीश जावड़े गौड़ा, संगमेश मीनासिनाकाई, हनुमंत हालिगेरी, श्रीदेवी वी. अलूर और चिदानंद साली को 22 नवंबर, 2011 को एक समारोह में पुरस्कार सौंपा गया था जहां कलबुर्गी को प्रतिष्ठित 'नृपतुंगा' प्रशस्ति से नवाजा गया था।
पुरस्कार लौटाने के निर्णय से पहले जावड़े गौड़ा ने कहा था, 'अपराधियों को पकड़ने के लिए राज्य सरकार पर दबाव बनाने का यह एक तरीका है।' हलाम्बी ने कहा कि युवा लेखकों ने विरोध स्वरूप अपने पुरस्कार लौटा दिए और प्रगतिशील लेखक के हत्यारों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की।
कन्नड़ साहित्य परिषद के अध्यक्ष पुंडलिक हलाम्बी ने बताया, 'सभी छह बेंगलुरु मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन अरालू साहित्य पुरस्कार विजेताओं ने अपने पुरस्कार लौटा दिए हैं। कलबुर्गी के हत्यारों की गिरफ्तारी में विलंब होने से दुखी होकर उन्होंने अपने पुरस्कार लौटाए।'
उनकी हत्या से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर तूफान खड़ा हो गया। पुलिस को अब भी हत्यारों और उनकी मंशा के बारे में पता नहीं चल पाया है, जबकि वे दक्षिणपंथी कट्टर तत्वों की संदिग्ध भूमिका की जांच कर रहे हैं। सीआईडी मामले की जांच कर रही है और सरकार ने घोषणा की है कि जांच सीबीआई को सौंपी जाएगी।
वीरन्ना मादीवलार, टी. सतीश जावड़े गौड़ा, संगमेश मीनासिनाकाई, हनुमंत हालिगेरी, श्रीदेवी वी. अलूर और चिदानंद साली को 22 नवंबर, 2011 को एक समारोह में पुरस्कार सौंपा गया था जहां कलबुर्गी को प्रतिष्ठित 'नृपतुंगा' प्रशस्ति से नवाजा गया था।
पुरस्कार लौटाने के निर्णय से पहले जावड़े गौड़ा ने कहा था, 'अपराधियों को पकड़ने के लिए राज्य सरकार पर दबाव बनाने का यह एक तरीका है।' हलाम्बी ने कहा कि युवा लेखकों ने विरोध स्वरूप अपने पुरस्कार लौटा दिए और प्रगतिशील लेखक के हत्यारों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं