यह ख़बर 31 जुलाई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

तेलंगाना पर विरोध और बढ़ा, आंध्र प्रदेश के छह मंत्रियों ने सौंपे इस्तीफे

खास बातें

  • तटीय और दक्षिण आंध्र के इलाकों में तेलंगाना के गठन के खिलाफ लोगों ने बंद का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने भी कहा है कि अलग तेलंगाना राज्य का फैसला उनके लिए भी दुखदायी है।
हैदराबाद:

आंध्र प्रदेश से पृथक तेलंगाना राज्य बनाने के कांग्रेस के फैसले के खिलाफ राज्य के छह मंत्रियों ने मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी को अपने इस्तीफे सौंप दिए हैं। कांग्रेस के छह विधायकों ने भी इस्तीफा देने का फैसला किया है।

मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने कहा है कि अलग तेलंगाना राज्य का फैसला मेरे लिए भी दुखदायी है। वहीं सीनियर कांग्रेस नेता और गुंटूर से सांसद रायपति सम्बाशिवा राव ने साफ किया है कि उन्होंने अलग तेलंगाना के विरोध में पार्टी और अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला कर लिया है।

वहीं, तेलंगाना के लिए आंध्र प्रदेश के प्रस्तावित बंटवारे के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं। आंध्र प्रदेश से अलग कर तेलंगाना बनाए जाने के कांग्रेस और यूपीए के फैसले के खिलाफ रायलसीमा और तटीय आंध्र प्रदेश के क्षेत्रों में बंद से आम जनजीवन प्रभावित हुआ। इस दौरान शैक्षिक संस्थान और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहे और सरकारी राज्य सड़क परिवहन निगम की सेवाएं रायलसीमा और तटीय आंध्र प्रदेश के कडप्पा, चित्तूऱ, विशाखापत्तनम और कृष्णा जैसे जिलों में रद्द रही।

एकीकृत आंध्र प्रदेश का समर्थन कर रहे विभिन्न संगठनों ने आंध्र प्रदेश को दो हिस्सों में बांटने के कांग्रेस के फैसले के खिलाफ क्षेत्र में बंद का आह्वान किया। बंद के दौरान दोनों क्षेत्रों से हिंसा की किसी घटना की जानकारी नहीं मिली है, हालांकि दोनों क्षेत्रों में निराशा का माहौल है। विभिन्न संगठनों के बंद के मद्देनजर ऐहतियात बरतते हए राज्य परिवहन ने कुछ स्थानों पर अपनी सेवाएं रोक दी हैं। कानून-व्यवस्था बनाए रखने और पंचायत चुनावों को ध्यान में रखते हुए रायलसीमा और तटीय आंध्र प्रदेश के जिलों में राज्य पुलिस के अलावा केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है।

उल्लेखनीय है कि आंध्र प्रदेश से अलग कर तेलंगाना राज्य बनाने के लिए कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए गठबंधन ने मंगलवार को मुहर लगा दी। कुछ और संवैधानिक औपचारिकताएं अभी बाकी हैं, लेकिन चुनावी साल में तेलंगाना बनने का रास्ता साफ हो गया है।

फैसले के मुताबिक, हैदराबाद 10 साल आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की संयुक्त राजधानी होगी और अलग तेलंगाना राज्य बनने की पूरी प्रक्रिया मई 2014 तक पूरी होगी हालांकि पहले यह प्रस्ताव कैबिनेट में जाएगा। यहां से संसद के दोनों सदनों में इसे पास कराया जाएगा। इसके बाद राष्ट्रपति के दस्तखत से अलग राज्य की शक्ल तय होगी।

अलग तेलंगाना के ऐलान के साथ ही इसका श्रेय लेने की होड़ भी लग गई है। दिग्विजय सिंह ने कहा है कि एनडीए सरकार ने अलग तेलंगाना के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।

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(इनपुट भाषा से भी)