भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को कहा कि महत्वाकांक्षी ‘गगनयान' मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को प्रशिक्षण देने की शुरुआत रूस में जनवरी के तीसरे सप्ताह से की जाएगी. इसरो प्रमुख के सिवन ने बताया कि इस मिशन के लिए चार अंतरिक्ष यात्रियों को चुना गया है और उनका प्रशिक्षण इस महीने के तीसरे सप्ताह से रूस में शुरू होगा. उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि चंद्रयान-3 और गगनयान से जुड़ा कार्य साथ-साथ चल रहा है. इसरो प्रमुख ने चेन्नई के उस इंजीनियर की भी तारीफ की जिसने चंद्रमा पर चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर का पता लगाया था.
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के सिवन ने कहा कि यह अंतरिक्ष एजेंसी की नीति थी कि वह दुर्घटनाग्रस्त मॉड्यूल की तस्वीर जारी नहीं करेंगे. सिवन ने कहा, ‘‘ हम जानते थे कि यह कहां दुर्घटनाग्रस्त हुआ था और किस स्थान पर था.''विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिग में क्या दिक्कत हुई ? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि यह वेग में कमी से जुड़ी विफलता थी और यह आंतरिक कारणों से हुआ था. इसरो ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराने का प्रयास किया था. हालांकि तय समय से कुछ क्षण पहले इसरो का विक्रम से संपर्क टूट गया था.
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