नई दिल्ली/नोएडा:
नोएडा में पिछले सात महीने से अपने घर में बंद दो बहनों को भूखी-प्यासी अवस्था में मंगलवार को बाहर निकाला गया। उन्हें कैलाश अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। पुलिस के अनुसार दोनों बहनों की उम्र 40 साल के आसपास है। पिता की मौत के बाद पिछले सात महीने से उन्होंने खुद को घर में बंद कर रखा था। पुलिस के साथ मौजूद सामाजिक कार्यकर्ता ऊषा ठाकुर ने संवाददाताओं को बताया, "जैसे ही दरवाजा खोला गया, दरुगध से सभी लोगों को उल्टी आने लगी। बड़ी महिला अर्धनग्न अवस्था में थी। मैं सोचती हूं वह कोमा में है। वह बोल नहीं पा रही थी और न ही समझ पा रही थी कि क्या हो रहा है। इसलिए मैंने कैलाश अस्पताल से सम्पर्क किया।" ठाकुर के अनुसार, "मैं समझती हूं वे मानसिक रूप से परेशान हैं.. उनका भाई भी उन्हें छोड़कर सेक्टर-39 में रहने चला गया। उन्हें सांत्वना देने के लिए या उनसे बात करने के लिए कोई नहीं था।" उन्होंने बताया कि उनका भोजन किसी कैंटीन से आता था। पड़ोसियों ने बताया कि भोजन दरवाजे के बाहर रखा रहता था। जब घर का दरवाजा खोला गया तो महिलाओं ने पानी मांगा। मनोचिकित्सक संदीप वोहरा के अनुसार, यह भावनात्मक अलगाव के कारण हो सकता है। उन्होंने कहा, "यह अत्यधिक तनाव या तनाव बढ़ाने वाले कुछ मनोरोग सम्बंधी तत्वों के कारण हो सकता है। निश्चित रूप से दोनों बेटियां पिता के बहुत करीब रही होंगी और वह उनके सभी फैसले लेते होंगे।" वोहरा के अनुसार यह ऐसे लोगों के साथ भी हो सकता है, जो बहुत अंतर्मुखी होते हैं।
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कमरे, बहनें