सिखों में लिंग अनुपात सबसे खराब, ईसाइयों में महिलाओं की संख्या ज्यादा

सिखों में लिंग अनुपात सबसे खराब, ईसाइयों में महिलाओं की संख्या ज्यादा

सांकेतिक तस्वीर

नई दिल्ली:

नवीनतम जनगणना आंकड़ों से पता चला है कि सिखों में सबसे खराब लिंगानुपात है, जबकि ईसाइयों में लिंगानुपात सबसे अच्छा है तथा महिलाओं की संख्या पुरुषों से भी ज्यादा है।

साल 2011 की जनगणना के अनुसार सिखों की जनसंख्या 2,08,33,116 है जिनमें 47.4 फीसदी महिलाएं हैं तथा 52.55 फीसदी पुरुष हैं। ईसाइयों में महिलाएं 50.5 फीसदी हैं जबकि पुरुष 49.4 फीसदी हैं। देश में 2,78,19,588 ईसाई हैं।

हिंदुओं की संख्या 96,62,57,353 है, जिनमें 48.4 फीसदी महिलाएं एवं 51.5 फीसदी पुरुष हैं। मुसलमानों में भी महिलाओं का प्रतिशत 48.7 है जबकि पुरुष 51.2 फीसदी हैं। देश में मुसलमान दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक समूह है और उनकी जनसंख्या 17,22,45,156 है।

बौद्धों की जनसंख्या 84,42,972 है जिनमें 50.8 फीसदी पुरुष हैं जबकि 49.11 फीसदी महिलाएं हैं जैनों की जनसंख्या 44,51,753 हैं जिनमें 51.1 फीसदी पुरुष एवं 48.8 महिलाएं हैं। इसी बीच धर्माधारित जनगणना आंकड़े पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने सांप्रदायिक तनाव की चेतावनी दी है।

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दिल्ली विधानसभा के विधायकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'कल 2011 की जनगणना के आंकड़े सामने आए जिनमें दर्शाया गया है कि मुसलमानों की जनसंख्या कुछ दशमलव के हिसाब से बढ़ रही है जबकि हिंदुओं की घट रही है। इससे सांप्रदायिक हिंसा हो सकती है।'