प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार को गुरुवार को उस समय असहज स्थिति का सामना करना पड़ा जब सूखे के मुद्दे पर सुनवाई में उसके वकील करीब 15 मिनट देर से पहुंचे। जजों ने इसके लिए सरकार की खिंचाई करते हुए हुए कहा, 'इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर कुछ गंभीरता दिखाइए।'
जजों ने यह नाराजगी उस समय जताई जब केंद्र ने इस मसले पर जवाब दाखिल करने के लिए कुछ समय मांगा क्योंकि सुनवाई के लिए एडीशनल सॉलिसिटर जनरल का कोर्ट में आने का इंतजार किया जा रहा था। गौरतलब है कि इससे पहले बुधवार को सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने सूखा राहत को लेकर किए गए उपायों की जानकारी देने के लिए केंद्र सरकार को गुरुवार तक का वक्त दिया था। जजों ने कहा, 'लगता है यह आपकी प्राथमिकता नहीं है। क्या हम अनुपयोगी लोग हैं। दो जज यहां बैठे है। क्या आप हमसे यह उम्मीद करते हैं कि हम कुछ नहीं करें, टाइम के गुजरने का इंतजार करते हुए केवल घड़ी को देखते रहें। ' कोर्ट सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें सूखे से प्रभावित राज्यों में किसानों को राहत पहुंचाने की मांग की गई है।
जजों ने यह नाराजगी उस समय जताई जब केंद्र ने इस मसले पर जवाब दाखिल करने के लिए कुछ समय मांगा क्योंकि सुनवाई के लिए एडीशनल सॉलिसिटर जनरल का कोर्ट में आने का इंतजार किया जा रहा था। गौरतलब है कि इससे पहले बुधवार को सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने सूखा राहत को लेकर किए गए उपायों की जानकारी देने के लिए केंद्र सरकार को गुरुवार तक का वक्त दिया था। जजों ने कहा, 'लगता है यह आपकी प्राथमिकता नहीं है। क्या हम अनुपयोगी लोग हैं। दो जज यहां बैठे है। क्या आप हमसे यह उम्मीद करते हैं कि हम कुछ नहीं करें, टाइम के गुजरने का इंतजार करते हुए केवल घड़ी को देखते रहें। ' कोर्ट सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें सूखे से प्रभावित राज्यों में किसानों को राहत पहुंचाने की मांग की गई है।
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