अखिलेश मेरा कहा नहीं टालेंगे : मुलायम | पिता को खुश करने के लिए सब कुछ करूंगा : अखिलेश यादव

अखिलेश मेरा कहा नहीं टालेंगे : मुलायम | पिता को खुश करने के लिए सब कुछ करूंगा : अखिलेश यादव

मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव... (फाइल फोटो)

खास बातें

  • मुलायम और अखिलेश यादव ने शिवपाल का इस्तीफा किया था नामंजूर
  • अखिलेश-शिवपाल-रामगोपाल में कोई झगड़ा नहीं : मुलायम
  • मुलायम बोले, परिवार में कभी-कभी मतभेद हो जाता है
लखनऊ:

सपा के घमासान पर मुखिया मुलायम सिंह यादव ने कहा कि पार्टी में मतभेद नहीं हैं, हम सब साथ हैं. मेरे रहते पार्टी में फूट नहीं हो सकती, हालांकि परिवार में कभी-कभी मतभेद हो जाता है. मुलायम ने आगे यह भी कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मेरी बात कभी नहीं टालेंगे. अखिलेश-शिवपाल-रामगोपाल में कोई झगड़ा नहीं है. उन्होंने यह भी साफ किया कि गायित्री प्रजापति फिर मंत्री बनेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई रद्द कर दी गई है.

सपा क्या, पूरे देश की राजनीति ही 'शिवपालों' से चलती है...

एनडीटीवी से अखिलेश यादव ने कहा कि पिता को खुश रखने के लिए सब कुछ करूंगा. बतौर सीएम , बतौर पुत्र मुझ पर जिम्मेदारी है. मैं पार्टी अध्यक्ष की बात का सम्मान करूंगा.

इससे पूर्व मुलायम सिंह यादव ने आज शिवपाल यादव का यूपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा नामंजूर कर दिया था. मुलायम सिंह यादव ने आज अखिलेश यादव और शिवपाल से मुलाकात भी थी.

उधर, आज लखनऊ में शिवपाल यादव के घर के बाहर उनके समर्थकों ने जमकर प्रदर्शन किया. इन समर्थकों ने शिवपाल यादव के समर्थन में जमकर नारेबाज़ी की और रामगोपाल यादव के खिलाफ नारे लगाए. समर्थकों ने 'रामगोपाल यादव को बाहर करो' के नारे लगाए. इस पर शिवपाल यादव ने अपने समर्थकों से कहा कि अपनी बात पार्टी कार्यालय जाकर नेताजी से कहें. हम सब नेताजी के साथ हैं. उनका संदेश ही हमारे लिए आदेश होगा.

गुरुवार को शिवपाल यादव ने अपने मंत्री पद और पार्टी की यूपी इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था.शिवपाल ने मंत्री पद से इस्तीफा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और यूपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को भेज दिया था. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी शिवपाल यादव का इस्तीफा नामंज़ूर कर दिया था.

मंत्रालय लौटाने को तैयार नहीं  थे अखिलेश यादव
खबर के मुताबिक, मुलायम सिंह यादव शिवपाल को उनसे लिए गए मंत्रालय वापस दिलाने का भरोसा दिलाया था, लेकिन अखिलेश इसके लिए तैयार नहीं हुए थे. सारा बवाल इसी पर शुरू हुआ था. शिवपाल की पत्नी और बेटे ने भी पार्टी और सरकार से अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था. इससे पहले मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल से कहा था कि उनके जो अहम विभाग वापस ले लिए गए थे वे उनको वापस मिल जाएंगे, लेकिन अखिलेश यादव ने इस सिलसिले में मुलायम सिंह की अनसुनी कर दी थी.
 
रातभर चला था ड्रामा
शिवपाल के इस्तीफे की खबर के बाद देर रात शिवपाल के लखनऊ के आवास के बाहर बड़े पैमाने पर उनके समर्थक जुट गए. समर्थकों ने शिवपाल के पक्ष में नारेबाजी भी की. समर्थक नारे लगा रहे थे शिवपाल तुम आगे बढ़ो, हम तुम्हारे साथ है. इन नारों के बीच शिवपाल भी आधी रात के बाद भीड़ से मिलने घर के बाहर निकले. शिवपाल ने समर्थकों से कहा कि आप सब हमारे साथ है हम भी आपके साथ खड़े हैं और काफी रात हो चुकी है आप लोग घर जाइए.

जिस बाहरी व्यक्ति का जिक्र किया वह अमर सिंह तो नहीं
समाजवादी पार्टी में मचे बवाल में यू तो सारे किरदार जाने पहचाने हैं, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जिस बाहरी व्यक्ति का जिक्र किया वे कौन हैं. माना जा रहा है कि ये कोई और नहीं बल्कि अमर सिंह हैं. अखिलेश यादव और अमर सिंह एक-दूसरे को पसंद नहीं करते यह बात किसी से छिपी नहीं है.

यहां से शुरू हुई खींचतान
मालूम हो कि मुख्यमंत्री द्वारा गत 13 सितंबर को शिवपाल के करीबी अधिकारी माने जाने वाले मुख्य सचिव दीपक सिंघल को हटाए जाने के बाद अखिलेश और शिवपाल की तल्खियां और बढ़ गई थीं. सिंघल को हटाए जाने के बाद सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के आदेश पर अखिलेश को समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर शिवपाल को यह जिम्मा सौंप दिया गया था. इसके चंद घंटों बाद ही अखिलेश ने शिवपाल से लोक निर्माण, राजस्व और सहकारिता जैसे महत्वपूर्ण विभाग छीन लिए थे.


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