मुसलमानों का वोटिंग अधिकार छीनने की मांग के बाद अब शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में परिवार नियोजन की वकालत की गई है।
'सामना' में कहा गया है कि मुसलमानों और ईसाइयों की बढ़ती आबादी से देश के हिंदुओं के सामने ख़तरा पैदा हो गया है और हिंदू भूमि का सांस्कृतिक-सामाजिक संतुलन बिगड़ना तय है। मुसलमानों को खुश और सेहतमंद रहना है, तो उनके लिए छोटा परिवार ठीक है। अगर ये बात हमारी ओर से कही जा रही है तो ये देश और मुसलमानों के हित के लिए है।
इससे पहले शिवसेना सांसद संजय राउत ने 'सामना' में लिखे अपने लेख में कहा था कि मुसलमानों का मताधिकार वापस ले लेना चाहिए, तब जाकर मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति देश से खत्म होगी। उन्होंने लिखा था कि मुसलमानों के वोट सिर्फ सौदेबाजी के लिए उपलब्ध होंगे, तो यह समाज हमेशा गर्त में ही रहेगा, इसलिए वोट बैंक की राजनीति खत्म करने के लिए मुस्लिमों से वोटिंग का अधिकार छीन लेना चाहिए।
कुछ दिन पहले ही हिंदू महासभा की नेता साध्वी ठाकुर ने भी कहा था कि मुसलमानों और ईसाइयों की बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए इस समुदाय के लोगों की नसबंदी करानी होगी, क्योंकि उनकी बढ़ती जनसंख्या हिंदुओं के लिए खतरा है। उन्होंने यह भी कहा था कि हिंदुओं को अधिक से अधिक बच्चे पैदा करने चाहिए, ताकि विश्व पर प्रभाव हो।
बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने भी पिछले दिनों कहा था कि जब हिन्दू लोग नसबंदी कराते हैं, तो मुसलमानों को भी करवानी चाहिए। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया, हम नहीं चाहते कि देश के मुसलमानों और ईसाइयों की नसबंदी करा दी जाए, लेकिन परिवार नियोजन तो सभी को अपनाना चाहिए। हम चार बच्चे पैदा करने की बात कर दें, तो बवाल हो जाता है, लेकिन चार बीवी और 40 बच्चों से कुछ नहीं होता।
(इनपुट एजेंसियों से भी)
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