
शिवसेना ने एमजे अकबर का मांगा इस्तीफा
नई दिल्ली:
भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने कई महिला पत्रकारों द्वारा यौन शोषण के आरोप लगाने के बाद केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर को पद से हटाने की मांग की. शिवसेना ने अकबर पर लगे आरोपों की गहराई से जांच की मांग भी की. शिवसेना की प्रवक्ता मनीषा कयांदे ने कहा कि जहां तक मुझे पता है, पांच से छह महिला पेशेवरों ने एम जे अकबर के हाथों यौन उत्पीड़न का शिकार होने की खुलकर बात की है. घटनाओं के ब्यौरे चिंताजनक और गंभीर हैं. इसलिए मैं उन्हें तत्काल पद से हटाने की मांग करती हूं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार बार ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ की बातें करते हैं. इसलिए अपनी छवि बनाए रखने के लिए मोदी को अकबर को उनके पद से हटा देना चाहिए. शिवसेना की विधान पार्षद ने कहा कि उनके खिलाफ लगे आरोपों की उचित जांच की जाए. अगर वह पाक-साफ साबित होते हैं तो उन्हें दोबारा कैबिनेट में जगह दी जा सकती है.
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उन्होंने महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह अपना काम सही से नहीं कर रहा है. कयांदे ने कहा कि आयोग की प्रमुख भाजपा की पुरानी सदस्य हैं. वह (विजया राहतकर) केवल नोटिस जारी करती हैं और चुनिंदा रूप से क्लीन चिट देती हैं. वह निश्चित रूप से अपने न्यायिक अधिकारों का इस्तेमाल नहीं करतीं. यौन शोषण के खिलाफ शुरू हुए वैश्विक ‘मी टू’ अभियान ने अब भारत में भी जोर पकड़ लिया है. अभिनेत्री तनुश्री दत्ता के अभिनेता नाना पाटेकर पर अनुचित व्यवहार का आरोप लगाने के बाद देश में मीडिया, फिल्म जगत सहित अन्य में भी लोगों पर इस तरह के आरोप सामने आए हैं. आरोपियों में अभिनेता आलोक नाथ, अभिनेता रजत कपूर, निर्देशक सुभाष घई, अभिनेता-गायक पीयूष मिश्रा सहित कई लोग शामिल हैं.
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गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर यौन शोषण के खिलाफ शुरू हुए #MeToo अभियान ने जोर पकड़ लिया है. बॉलीवुड के बाद अब इसकी आंच राजनीति तक भी पहुंच गई है. ताजा मामले में मोदी सरकार के मंत्री एमजे अकबर का नाम सामने आया है. पूर्व एडिटर और विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगा है. इस बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कोई जवाब नहीं दिया. 'ट्रिब्यून' की पत्रकार स्मिता शर्मा ने जब सुषमा स्वराज से पूछा कि क्या एमजे अकबर के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. स्मिता शर्मा ने सुषमा स्वराज से पूछा था कि, 'यह एक गंभीर आरोप है. आप एक महिला हैं, क्या आरोपों की जांच की जाएगी?
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इस पर जवाब देने के बजाय सुषमा स्वराज बिना कुछ बोले आगे निकल गईं. ऐसा माना जा रहा है कि विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर इन दिनों नाइजीरिया में हैं.एमजे अकबर का नाम पत्रकार प्रिया रमानी ने लिया है. प्रिया ने लिखा कि उन्होंने पिछले साल 'वोग' पत्रिका में अपने साथ हुए यौन शोषण का स्मरण लिखा था और कहानी की शुरुआत एमजे अकबर के साथ हुई घटना से की थी. प्रिया ने तब एमजे अकबर का नाम नहीं लिया था, लेकिन 2017 की स्टोरी का लिंक शेयर करते हुए एमजे अकबर का नाम लिख दिया.
VIDEO: मी टू मुहिम के तहत अकबर पर लगे आरोप.
कहा कि यह कहानी जिससे शुरू होती है, वह एमजे अकबर है. प्रिया ने लिखा है कि उस रात वह भागी थीं. फिर कभी उसके साथ अकेले कमरे में नहीं गईं. प्रिया रमानी ने एक के बाद एक कई ट्वीट किया. बता दें कि एमजे अकबर कई अखबारों और पत्रिकाओं में संपादक रह चुके हैं. (इनपुट भाषा से)
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उन्होंने महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह अपना काम सही से नहीं कर रहा है. कयांदे ने कहा कि आयोग की प्रमुख भाजपा की पुरानी सदस्य हैं. वह (विजया राहतकर) केवल नोटिस जारी करती हैं और चुनिंदा रूप से क्लीन चिट देती हैं. वह निश्चित रूप से अपने न्यायिक अधिकारों का इस्तेमाल नहीं करतीं. यौन शोषण के खिलाफ शुरू हुए वैश्विक ‘मी टू’ अभियान ने अब भारत में भी जोर पकड़ लिया है. अभिनेत्री तनुश्री दत्ता के अभिनेता नाना पाटेकर पर अनुचित व्यवहार का आरोप लगाने के बाद देश में मीडिया, फिल्म जगत सहित अन्य में भी लोगों पर इस तरह के आरोप सामने आए हैं. आरोपियों में अभिनेता आलोक नाथ, अभिनेता रजत कपूर, निर्देशक सुभाष घई, अभिनेता-गायक पीयूष मिश्रा सहित कई लोग शामिल हैं.
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गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर यौन शोषण के खिलाफ शुरू हुए #MeToo अभियान ने जोर पकड़ लिया है. बॉलीवुड के बाद अब इसकी आंच राजनीति तक भी पहुंच गई है. ताजा मामले में मोदी सरकार के मंत्री एमजे अकबर का नाम सामने आया है. पूर्व एडिटर और विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगा है. इस बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कोई जवाब नहीं दिया. 'ट्रिब्यून' की पत्रकार स्मिता शर्मा ने जब सुषमा स्वराज से पूछा कि क्या एमजे अकबर के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. स्मिता शर्मा ने सुषमा स्वराज से पूछा था कि, 'यह एक गंभीर आरोप है. आप एक महिला हैं, क्या आरोपों की जांच की जाएगी?
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इस पर जवाब देने के बजाय सुषमा स्वराज बिना कुछ बोले आगे निकल गईं. ऐसा माना जा रहा है कि विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर इन दिनों नाइजीरिया में हैं.एमजे अकबर का नाम पत्रकार प्रिया रमानी ने लिया है. प्रिया ने लिखा कि उन्होंने पिछले साल 'वोग' पत्रिका में अपने साथ हुए यौन शोषण का स्मरण लिखा था और कहानी की शुरुआत एमजे अकबर के साथ हुई घटना से की थी. प्रिया ने तब एमजे अकबर का नाम नहीं लिया था, लेकिन 2017 की स्टोरी का लिंक शेयर करते हुए एमजे अकबर का नाम लिख दिया.
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कहा कि यह कहानी जिससे शुरू होती है, वह एमजे अकबर है. प्रिया ने लिखा है कि उस रात वह भागी थीं. फिर कभी उसके साथ अकेले कमरे में नहीं गईं. प्रिया रमानी ने एक के बाद एक कई ट्वीट किया. बता दें कि एमजे अकबर कई अखबारों और पत्रिकाओं में संपादक रह चुके हैं. (इनपुट भाषा से)
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