मुंबई की सड़कों को रोशन करती पुरानी बनावट की स्ट्रीटलाइट्स को एलईडी लैम्प में बदलने की पहल बीजेपी की केंद्र सरकार ने प्रस्तावित की है। केंद्र की प्रकाश पथ योजना के आधार पर मुंबई को कम बिजली में ज़्यादा रोशन करने का ये आईडिया है। 31 जनवरी को दक्षिण मुंबई में मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणविस के हाथों सड़कों के नए दीयों का उद्घाटन करवाने बीजेपी ने कमर कसी है।
पिछले हफ्ते मुंबई में केंद्रीय और राज्य ऊर्जामंत्री की बैठक में ये फ़ैसला हुआ। योजना में आने वाला 250 करोड़ रुपये का ख़र्च बीएमसी के बिजली बिल की बचत से वसूल किया जाएगा। ये भुगतान छह साल में बीएमसी ठेकेदार कंपनी को करेगी।
विधायक और मुंबई बीजेपी अध्यक्ष आशीष शेलार ने एनडीटीवी को बताया बीजेमुंबई में 1,32,458 स्ट्रीटलाइट्स हैं, जिन्हें बदलने का काम ईईएसएल (एनर्जी एफिशियन्सी सर्विसेस लिमिटेड) कंपनी को सौंपा जाएगा। इसमें सात साल की गारंटी और मरम्मत कंपनी संभालेगी। सड़कों की बिजली का बिल जहां पहले 160 करोड़ रुपये आता था, बल्ब बदलने के बाद वही बिल 80 करोड़ रुपये तक कम होने की उम्मीद है।
शिवसेना को ये प्रस्ताव नामंज़ूर है। शिवसेना मुंबई महानगरपालिका में सत्ताधारी पार्टी है। शिवसेना सांसद राहुल शेवाले छह महीने पहले बीएमसी की स्थायी समिति के अध्यक्ष थे।
उन्होंने एनडीटीवी से कहा, "मुंबई की सड़कों के दीये महानगरपालिका की विषय वस्तु हैं। इन पर कोई भी फ़ैसला महानगरपालिका की स्थायी समिति के फ़ैसले से ही मंज़ूर होने चाहिए, और ऐसा प्रस्ताव भी राज्य सरकार के शहरी विकास विभाग से आना चाहिए। सीधे केंद्र सरकार के फ़ैसले का अंमल बीएमसी के सत्ताधारियों को बताए बग़ैर करना महानगरपालिका के अधिकारों का उल्लंघन है। वैसे भी हमने शहर के एक हिस्से में एलईडी बल्ब लगाकर देखे, लेकिन 40 फ़ीसदी बचत का लक्ष्य हासिल न हो सका।"
शेवाले ने कितनी बिजली बचत हुई इस पर टिप्पणी तो नहीं की, लेकिन लगातार घाटे में चलती मुंबई की बिजली इकाई 'बेस्ट' के लिए हर रुपये की बचत मायने रखती है। बावजूद इसके, सियासी अहम की लड़ाई उस योजना को अंधेर कर सकती है, जिससे मुंबई कम बिजली में ज़्यादा रोशन हो सके।
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