शिवसेना ने सोमवार को अपने वरिष्ठ गठबंधन सहयोगी पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी पहले ही सबकुछ तय कर चुकी है और अब चुनाव के नाम पर महज ईवीएम का बटन दबाने की औपचारिकता बची है. पार्टी के मुखपत्र ‘सामना' में शिवसेना ने एक संपादकीय में अपनी गठबंधन सहयोगी से नाराजगी जताई. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी अगले महीने होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रवाद के मुद्दे को विमर्श बनाने की बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की योजना की आलोचना करती प्रतीत हुई. शाह ने रविवार को मुंबई में एक रैली में स्पष्ट किया था कि महाराष्ट्र में प्रचार अभियान के दौरान अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त कर जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने का मोदी सरकार का फैसला प्रमुख मुद्दा होगा.
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शिवसेना ने कहा, ‘‘शाह पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि चुनाव के बाद देवेंद्र फडणवीस ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होंगे. वह यह भी ठप्पा लगा चुके हैं कि फडणवीस ने निवेश, कृषि, शिक्षा, उद्योग और स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रगति की है. इसलिए अब बस ईवीएम का बटन दबाने की औपचारिकता बची है.'' पार्टी ने विपक्षी कांग्रेस और राकांपा पर भी वार किया. इसने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी आईसीयू में भर्ती रोगी की तरह है, जबकि राकांपा खुद की प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है.''
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शिवसेना ने पूछा कि क्या कांग्रेस के पास जमीनी स्तर के पार्टी कार्यकर्ताओं का नेटवर्क है. इसने कहा कि जहां दोनों विपक्षी दल मुद्दों को उठाने में विफल रहे, वहां शिवसेना ने सरकार में रहने के बावजूद लोगों के मुद्दों को उठाया. पार्टी ने कहा, ‘‘विकास, बेरोजगारी, किसानों की कर्ज माफी योजना और फसल बीमा के ढीले क्रियान्वयन जैसे मुद्दे थे. सरकार में होने के बावजूद शिवसेना लगातार इन मुद्दों को उठाती रही और लोगों की शिकायतों का समाधान किया.''
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