नई दिल्ली:
दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) के सदस्य अरविंद केजरीवाल को अपने खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए सोमवार को नोटिस भेजा। वहीं, केजरीवाल ने कहा कि वह नोटिस से डरते नहीं, बल्कि दिल्ली सरकार के 'जनविरोधी' कदमों पर कांग्रेस नेताओं को निशाना बनाते रहेंगे।
मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव पवन खेरा ने केजरीवाल को नोटिस भेजकर शीला के खिलाफ लगाए गए आरोप और कहे गए 'अपशब्द' तुरंत वापस लेने के लिए कहा। नोटिस अधिवक्ता महमूद प्राचा के जरिये भेजा गया है। इसमें दो दिन के भीतर केजरीवाल से जवाब मांगा गया है।
खेरा ने एक बयान जारी कर कहा, "कानूनी कदम केजरीवाल की ओर से मुख्यमंत्री तथा उनके करीबी नेताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने को लेकर उठाए गए हैं। हाल ही में एक वार्ता में मुख्यमंत्री के लिए 'दलाल' शब्द का इस्तेमाल किया गया।"
नोटिस में केजरीवाल से इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक तथा प्रिंट मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने के लिए कहा गया है।
उधर, केजरीवाल ने कहा कि वह ऐसे नोटिस से डरते नहीं हैं। शीला सरकार की नीतियों को जनविरोधी करार देते हुए उन्होंने कहा कि जब तक सरकार जनता के हित के खिलाफ कदम उठाती रहेगी वह कांग्रेस के नेताओं को इसी तरह निशाना बनाते रहेंगे।
कड़कड़डूमा अदालत के नजदीक बीएसईएस कर्मचारियों के साथ प्रदर्शन कर रहे केजरीवाल ने कहा, "आप मुझे चाहे जितने नोटिस भेजें, मैं डरने वाला नहीं हूं।"
केजरीवाल ने कहा कि वह नहीं, बल्कि शीला के काम ही उनका अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "हां, हम उन्हें अपमानित कर रहे हैं, वास्तव में नहीं.. यह उनके काम हैं, जिसकी वजह से वह अपमानित हो रही हैं।" उन्होंने कहा, "जब तक आप (शीला) तथा आपकी सरकार लोगों के हितों के खिलाफ काम करना जारी रखेंगी तब तक हम लोग आपको इसी तरह अपमानित करते रहेंगे।"
बिजली व पानी के शुल्क में वृद्धि की आलोचना करते हुए केजरीवाल ने दिल्ली सरकार तथा बिजली वितरण कम्पनियों के बीच सांठगाठ का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ऐसा निजी कम्पनियों को अधिक मुनाफा कमाने का अवसर देने के लिए किया जा रहा है।
उधर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केजरीवाल को नोटिस भेजने के लिए शीला सरकार की आलोचना की है। पार्टी प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा, "यह कांग्रेस की आदत है कि वह जवाब नहीं देती।"
मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव पवन खेरा ने केजरीवाल को नोटिस भेजकर शीला के खिलाफ लगाए गए आरोप और कहे गए 'अपशब्द' तुरंत वापस लेने के लिए कहा। नोटिस अधिवक्ता महमूद प्राचा के जरिये भेजा गया है। इसमें दो दिन के भीतर केजरीवाल से जवाब मांगा गया है।
खेरा ने एक बयान जारी कर कहा, "कानूनी कदम केजरीवाल की ओर से मुख्यमंत्री तथा उनके करीबी नेताओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने को लेकर उठाए गए हैं। हाल ही में एक वार्ता में मुख्यमंत्री के लिए 'दलाल' शब्द का इस्तेमाल किया गया।"
नोटिस में केजरीवाल से इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक तथा प्रिंट मीडिया के माध्यम से सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने के लिए कहा गया है।
उधर, केजरीवाल ने कहा कि वह ऐसे नोटिस से डरते नहीं हैं। शीला सरकार की नीतियों को जनविरोधी करार देते हुए उन्होंने कहा कि जब तक सरकार जनता के हित के खिलाफ कदम उठाती रहेगी वह कांग्रेस के नेताओं को इसी तरह निशाना बनाते रहेंगे।
कड़कड़डूमा अदालत के नजदीक बीएसईएस कर्मचारियों के साथ प्रदर्शन कर रहे केजरीवाल ने कहा, "आप मुझे चाहे जितने नोटिस भेजें, मैं डरने वाला नहीं हूं।"
केजरीवाल ने कहा कि वह नहीं, बल्कि शीला के काम ही उनका अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "हां, हम उन्हें अपमानित कर रहे हैं, वास्तव में नहीं.. यह उनके काम हैं, जिसकी वजह से वह अपमानित हो रही हैं।" उन्होंने कहा, "जब तक आप (शीला) तथा आपकी सरकार लोगों के हितों के खिलाफ काम करना जारी रखेंगी तब तक हम लोग आपको इसी तरह अपमानित करते रहेंगे।"
बिजली व पानी के शुल्क में वृद्धि की आलोचना करते हुए केजरीवाल ने दिल्ली सरकार तथा बिजली वितरण कम्पनियों के बीच सांठगाठ का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ऐसा निजी कम्पनियों को अधिक मुनाफा कमाने का अवसर देने के लिए किया जा रहा है।
उधर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने केजरीवाल को नोटिस भेजने के लिए शीला सरकार की आलोचना की है। पार्टी प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा, "यह कांग्रेस की आदत है कि वह जवाब नहीं देती।"
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