राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी आमतौर पर यह ध्यान रखते थे कि उनके फैसले से कोई नाराजगी नहीं हो, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने किसी फैसले के क्रियान्वयन के मामले में प्रभावी और कठोर हैं. पवार ने कहा कि भाजपा के इस दिग्गज नेता (वाजपेयी) के प्रति लोगों के बीच कहीं अधिक सम्मान था. उल्लेखनीय है कि वाजपेयी ने प्रधानमंत्री पद पर रहने के दौरान पवार को आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का उपाध्यक्ष नियुक्त किया था.
पवार ने पीटीआई को दिये एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘वाजपेयी एक भद्र पुरूष थे. जबकि किसी कार्यक्रम के क्रियान्वयन के मामले में मोदी एक प्रभावी व्यक्ति हैं. कोई फैसला ले लेने के बाद उसे कठोरता से लागू करने की मोदी के पास क्षमता है.'' प्रधानमंत्री पद पर मोदी के प्रथम कार्यकाल के दौरान 2017 में पद्म विभूषण पुरस्कार पाने वाले पवार ने वाजपेयी और मोदी की कार्यशैली में अंतर का भी जिक्र किया.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख ने कहा, ‘‘वाजपेयी साहेब कोई कदम उठाने से पहले इस बात का ध्यान रखते थे कि कोई नाराजगी नहीं हो. लोगों के मन में उनके लिये कहीं अधिक सम्मान था. लेकिन जहां तक परिणामोन्मुखी कार्य की बात है, शायद मोदी उनसे अलग हैं. '' पवार ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने राज्य में किसानों और उद्योगों की समस्याओं का हल करने के लिये कोई पहल नहीं की.
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महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पवार ने कहा कि फड़णवीस नतीजे देने वाले और प्रभावी मुख्यमंत्री नहीं माने जाते हैं. पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने कृषि संकट के लिये भाजपा नीत शासन को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि राज्य में समूचा किसान समुदाय बेचैन, हताश और गुस्से में हैं. किसान बड़ी संख्या में आत्महत्या कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में बड़े पैमाने पर कल-कारखााने बंद हो रहे हैं, जिससे लोगों की नौकरियां जा रही हैं.
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