रोहतक:
रोहतक के 'अपना घर' अनाथालय में रहने वाली लड़कियों के यौन शोषण का मामला प्रकाश में आया है।
अनाथालय में इन लड़कियों को नाचने के लिए भी मजबूर किया जाता था। मुक्त होने वाली 28 महिलाओं ने अपनी दर्दभरी कहानी सुनाई है।
अब अपना घर की इमारत को पुलिस ने अपने कब्ज़े में ले लिया है।
यहां रहने वाली 103 लड़कियों को हरियाणा के दूसरे आश्रयों में भेज दिया गया है।
विडंबना यह है कि अपना घर चला रही जसवंती नारवाल को महिलाओं के लिए काम करने पर राज्य सरकार ने इंदिरा गांधी महिला शक्ति पुरस्कार भी दिया था। अब पुलिस ने जसवंती नारवाल और उनके बेटी−दामाद सहित सात लोगों को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया है।
इस पूरी दर्दनाक कहानी के सिरे अभी खुलने ही शुरू हुए हैं। इस मामले में अभी कई सवालों का जवाब आना बाकी है।
अनाथालय में इन लड़कियों को नाचने के लिए भी मजबूर किया जाता था। मुक्त होने वाली 28 महिलाओं ने अपनी दर्दभरी कहानी सुनाई है।
अब अपना घर की इमारत को पुलिस ने अपने कब्ज़े में ले लिया है।
यहां रहने वाली 103 लड़कियों को हरियाणा के दूसरे आश्रयों में भेज दिया गया है।
विडंबना यह है कि अपना घर चला रही जसवंती नारवाल को महिलाओं के लिए काम करने पर राज्य सरकार ने इंदिरा गांधी महिला शक्ति पुरस्कार भी दिया था। अब पुलिस ने जसवंती नारवाल और उनके बेटी−दामाद सहित सात लोगों को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया है।
इस पूरी दर्दनाक कहानी के सिरे अभी खुलने ही शुरू हुए हैं। इस मामले में अभी कई सवालों का जवाब आना बाकी है।