लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस के अंदर उठा-पटक जारी है. इस बीच कांग्रेस के कई नेताओं ने अपने पदों से इस्तीफे दे दिए हैं, ताकि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) स्वतंत्र रूप से अपनी नई टीम चुन सकें. हालांकि, राहुल कांग्रेस अध्यक्ष पद को छोड़ने पर कायम हैं. कांग्रेस के कानून व आरटीआई सेल के चेयरमैन विवेक तन्खा के इस्तीफा देने के कुछ ही देर बाद, दिल्ली, मध्य प्रदेश और हरियाणा के दूसरे नेताओं ने भी अपने पदों के इस्तीफे दे दिए. गुरुवार रात इस्तीफा देते हुए तन्खा ने कहा कि पार्टी बहुत लंबे समय तक गतिरोध नहीं सह सकती है. उन्होंने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से आग्रह किया है कि वे कांग्रेस को 'एक जुझारू ताकत' के रूप में पुनर्जीवित करें.
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तन्खा ने शुक्रवार को कई ट्वीट किए. उन्होंने कहा, "हम सभी को पार्टी के पदों से अपने-अपने इस्तीफे दे देने चाहिए और राहुल जी (Rahul Gandhi) को उनकी टीम का चयन करने का अधिकार देना चाहिए." उन्होंने कहा, "मैंने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) विभाग के कानून, आरटीआई और एचआर अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है. पार्टी ज्यादा समय तक गतिरोध नहीं सह सकती है."
We all should submit our resignations fr party positions & give Rahul ji a free hand to choose his team. I welcome Mr Kamalnath's statement to that effect. I unequivocally submit my resignation as AICC Dept chairman Law,RTI & HR. Party cannot afford a stalemate for too long.
— Vivek Tankha (@VTankha) June 27, 2019
विवेक तन्खा ने कहा, "राहुल जी, कृपया कर पार्टी को जुझारू ताकत के रूप में पुनर्जीवित करने के लिए बड़े बदलाव करें. आपके पास प्रतिबद्धता और दृढ़ संकल्प, दोनों चीजें मौजूद हैं. बस एक अच्छी, स्वीकार्य और प्रभावशाली देशव्यापी टीम की तलाश करें. मैं सभी स्थितियों में आपके साथ हूं." दूसरी तरफ, शुक्रवार को उत्तर पश्चिम दिल्ली से पार्टी के उम्मीदवार रहे राजेश लिलोठिया ने शुक्रवार को दिल्ली कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया.
Rahul ji please make drastic changes to revive the party as a fighting force. U have the commitment & determination. Just cobble a good , acceptable & influential nation wide team. I am with you u in all situations.@RahulGandhi @OfficeOfKNath
— Vivek Tankha (@VTankha) June 27, 2019
तन्खा और लिलोठिया के अलावा, हरियाणा महिला कांग्रेस की प्रमुख सुमित्रा चौहान, मेघालय से पार्टी महासचिव नेट्टा पी. संगमा, सचिव वीरेंद्र राठौर, छत्तीसगढ़ के सचिव अनिल चौधरी, मध्य प्रदेश के सचिव सुधीर चौधरी और हरियाणा के सचिव सत्यवीर यादव ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया. कांग्रेस ने इस सप्ताह अपनी उत्तर प्रदेश की सभी जिला समितियों को भंग कर दिया और लोकसभा चुनाव के दौरान अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के मामलों को देखने के लिए एक तीन सदस्यीय अनुशासन समिति का भी गठन किया. आपको बता दें कि हाल के आम चुनाव में कांग्रेस को बड़ी हार का सामना करना पड़ा है. पार्टी को केवल 52 सीटों पर जीत मिली है. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) खुद उत्तर प्रदेश के अमेठी से अपनी सीट नहीं बचा पाए.
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हालांकि वह केरल की वायनाड सीट से लोकसभा पहुंचे हैं. इसके बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और इस बात को कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि वह पार्टी के अध्यक्ष पद पर नहीं बने रहना चाहते हैं. गुरुवार को भी राहुल गांधी ने महासचिव के.सी. वेणुगोपाल से साफ कहा कि वह अध्यक्ष पद छोड़ने पर कायम हैं. साथ ही गांधी ने कहा है कि जब तक कोई नया पार्टी प्रमुख नहीं मिल जाता, वे महत्वपूर्ण बैठकों की अध्यक्षता करते रहेंगे. पार्टी सूत्रों के अनुसार, नए पार्टी प्रमुख पर निर्णय लेने के लिए सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई जाएगी. बैठक से पहले, देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल में और अधिक इस्तीफे होने की संभावनाएं हैं.
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