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This Article is From Oct 25, 2014

महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार बनाने के खिलाफ बीजेपी में विचार

मुंबई:

महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार बनाने की संभावना तलाशने के लिए शिवसेना और भाजपा के बीच पर्दे के पीछे चल रही वार्ता के बीच आज इस बारे में मजबूत संकेत मिले कि पार्टी में मौजूद 'मत' को ध्यान में रखते हुए केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी राकांपा के बाहर से समर्थन के जरिए प्रदेश में सरकार बना सकती है।

भाजपा के एक शीर्ष नेता ने बताया, 'इसकी (एक गठबंधन सरकार) कम गुंजाइश नजर आ रही है। भाजपा में यह मत है कि उसे अकेले ही चलना चाहिए।'

पार्टी के प्रदेश से एक वरिष्ठ नेता ने बताया, 'सभी विधायक और जमीनी कार्यकर्ता शिवसेना के साथ गठबंधन करने के खिलाफ हैं। इस बात की अधिक गुंजाइश है कि भाजपा शिवसेना के बगैर सरकार बनाएगी।'

उन्होंने बताया कि पार्टी में कई लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह पर शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे सहित इसके नेताओं द्वारा किए गए व्यक्तिगत हमलों को लेकर अभी तक नाराज हैं।

प्रदेश पार्टी प्रमुख देवेंद्र फड़नवीस और विधान परिषद में विपक्षी नेता विनोद तवड़े सहित भाजपा के नेताओं के एक धड़े ने सरकार गठन पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री से हवाई अड्डा पर मुलाकात की।

मोदी से मुलाकात में क्या हुआ उस बारे में पता नहीं चल पाया है, लेकिन समझा जाता है कि नेताओं ने प्रधानमंत्री को शिवसेना के साथ फिर से गठजोड़ करने पर पार्टी में मौजूद 'नकारात्मक मत' से अवगत कराया।

हालांकि, भाजपा के एक केंद्रीय नेता ने कहा कि गठजोड़ को फिर से बहाल करने के बारे में आखिरी फैसला शीर्ष नेतृत्व लेगा। उन्होंने बताया कि पार्टी सरकार बनाने के लिए शिवसेना की कोई शर्त स्वीकार करने के पक्ष में नहीं है।

ऐसी खबर है कि शिवसेना चाहती है कि दोनों पार्टियां 1995 के फॉर्मूले का पालन करें जिसके तहत तत्कालीन जूनियर साझेदार भाजपा को उप मुख्यमंत्री का पद मिला था, लेकिन शिवसेना नेताओं ने ऐसी किसी मांग से इनकार किया है।

मोदी के इस शहर में होने के बावजूद उनके और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच कोई बैठक नहीं हुई।

रत्नागिरि सिंधुदुर्ग से शिवसेना सांसद विनायक राउत ने ठाकरे के आवास पर उनसे मिलने के बाद यहां संवाददाताओं से कहा, 'प्रधानमंत्री सिर्फ एक अस्पताल का उद्घाटन करने यहां आए थे। ऐसे वक्त में जब प्रधानमंत्री एक सामाजिक उद्देश्य के लिए आए हों, कोई राजनीतिक वार्ता नहीं हो सकती। वार्ता सोमवार से ही शुरू होगी।'

यह पूछे जाने पर कि अगले हफ्ते दिल्ली में क्या मोदी से ठाकरे का मिलने का कार्यक्रम है, राउत ने इसका नकारात्मक जवाब दिया। राउत ने इस बात की पुष्टि की कि शिवसेना के सभी सांसद राजग के सांसदों के लिए रविवार को प्रधानमंत्री की मेजबानी में आयोजित चाय पार्टी में शरीक होंगे।

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