उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की फाइल तस्वीर
लखनऊ / अयोध्या:
84 कोसी परिक्रमा पर विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के रवैये को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या और उसके आसपास के जिलों में सुरक्षाबलों की तैनाती शुरू कर दी है।
प्रशासन जहां यह दावा कर रहा है कि अयोध्या और आसपास के इलाकों में संतों का जमावाड़ा किसी भी हाल में नहीं होने दिया जाएगा, वहीं विहिप ने ऐलान किया है कि 84 कोसी परिक्रमा अपने निर्धारित तिथि पर ही शुरू होगी।
विहिप की ओर से 25 अगस्त से 13 सितम्बर तक चौरासी कोसी परिक्रमा यात्रा निकालने की घोषणा पहले से ही की गई है, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने इस धार्मिक यात्रा को निकालने पर पाबंदी लगा दी है। सरकार ने कहा कि 84 कोसी परिक्रमा के बहाने विहिप नई परंपरा की शुरुआत करना चाहती है और इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती।
विहिप ने हालांकि यूपी सरकार पर यह आरोप लगाया है कि सरकार गलत तथ्यों का सहारा ले रही है। परिक्रमा के लिए कोई समयसीमा नहीं होती है, यह कभी भी आयोजित की जा सकती है। बहराल 84 कोसी परिक्रमा को लेकर उप्र में सियासी पारा गरम है। उप्र के पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था राजकुमार विश्वकर्मा ने साफ तौर पर कहा है कि अयोध्या में संतों का जमावाड़ा रोकने की पूरी तैयारी कर ली गई है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में फिलहाल पीएसी की 12 कंपनियां तैनात हैं और जरूरत पड़ी तो अतिरिक्त सुरक्षाबलों के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो अन्य राज्यों से लगी सीमाओं को भी सील किया जाएगा। अयोध्या, गोंडा, बहराइच, अम्बेडकर नगर, फैजाबाद और बाराबंकी में बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रेलवे स्टेशनों, बस अडडों और हवाई अड्डों पर कड़ी निगरानी शुरू कर दी गई है। साधु-संत जहां भी मिलेंगे, उन्हें वहीं से वापस लौटा दिया जाएगा।
विहिप ने भी सरकार से दो-दो हाथ करने का मन बना लिया है। पूर्व गृह राज्य मंत्री और रामजन्मभूमि न्यास समिति से जुड़े स्वामी चिन्मयानंद ने भी साफ कर दिया है कि सरकार चाहे अयोध्या और फैजाबाद की सीमा सील करे या फिर पूरे यूपी की, संत अपनी परिक्रमा जरूर करेंगे।
प्रशासन जहां यह दावा कर रहा है कि अयोध्या और आसपास के इलाकों में संतों का जमावाड़ा किसी भी हाल में नहीं होने दिया जाएगा, वहीं विहिप ने ऐलान किया है कि 84 कोसी परिक्रमा अपने निर्धारित तिथि पर ही शुरू होगी।
विहिप की ओर से 25 अगस्त से 13 सितम्बर तक चौरासी कोसी परिक्रमा यात्रा निकालने की घोषणा पहले से ही की गई है, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने इस धार्मिक यात्रा को निकालने पर पाबंदी लगा दी है। सरकार ने कहा कि 84 कोसी परिक्रमा के बहाने विहिप नई परंपरा की शुरुआत करना चाहती है और इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती।
विहिप ने हालांकि यूपी सरकार पर यह आरोप लगाया है कि सरकार गलत तथ्यों का सहारा ले रही है। परिक्रमा के लिए कोई समयसीमा नहीं होती है, यह कभी भी आयोजित की जा सकती है। बहराल 84 कोसी परिक्रमा को लेकर उप्र में सियासी पारा गरम है। उप्र के पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था राजकुमार विश्वकर्मा ने साफ तौर पर कहा है कि अयोध्या में संतों का जमावाड़ा रोकने की पूरी तैयारी कर ली गई है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में फिलहाल पीएसी की 12 कंपनियां तैनात हैं और जरूरत पड़ी तो अतिरिक्त सुरक्षाबलों के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो अन्य राज्यों से लगी सीमाओं को भी सील किया जाएगा। अयोध्या, गोंडा, बहराइच, अम्बेडकर नगर, फैजाबाद और बाराबंकी में बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रेलवे स्टेशनों, बस अडडों और हवाई अड्डों पर कड़ी निगरानी शुरू कर दी गई है। साधु-संत जहां भी मिलेंगे, उन्हें वहीं से वापस लौटा दिया जाएगा।
विहिप ने भी सरकार से दो-दो हाथ करने का मन बना लिया है। पूर्व गृह राज्य मंत्री और रामजन्मभूमि न्यास समिति से जुड़े स्वामी चिन्मयानंद ने भी साफ कर दिया है कि सरकार चाहे अयोध्या और फैजाबाद की सीमा सील करे या फिर पूरे यूपी की, संत अपनी परिक्रमा जरूर करेंगे।
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