चारों ओर से संकट से घिरने के बावजूद पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा के पास अस्थायी रूप से बंद आतंकी शिविरों को फिर से सक्रिय कर दिया है. खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक, इन शिविरों को आतंकियों के भारत में घुसपैठ करने के लिए सक्रिय किया गया. इसके साथ ही खुफिया एजेंसियों ने बताया है कि 18 ट्रेनिंग केंद्र और 20 लॉन्च पैड भी बनाएं गए हैं. इन ट्रेनिंग क्रेंदों में औसतन 60 आतंकवादी है. बता दें कि भारत सरकार द्वारा दो महीने पहले जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा लेने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ. इसी के चलते पिछले महीने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र में दो परमाणु संपन्न राष्टों के बीच युद्ध की धमकी दी थी, लेकिन भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर को लेकर उठाए गए अपने कदम पर पुनर्विचार नहीं किया.
पाकिस्तान ने आतंकवाद की रोकथाम के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए : FATF की रिपोर्ट
सीमा पार स्थित आतंकी शिविरों के बारे में बताते हुए जम्मू-कश्मीर के पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने कहा कि राज्य में अभी भी 200-300 आतंकवादी मौजूद है. इसके साथ ही सीमापार से होने वाली गोलीबारी का असली मकसद इन नियंत्रण रेखा पास सक्रिय आतंकियों को सर्दियों से पहले भारत में घुसपैठ कराना है. दिलबाग सिंह ने पुंछ की यात्रा के दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा, 'जम्मू और कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों की संख्या 200 और 300 के बीच है. यह आंकड़ा अभी और ऊपर जा रहा है.'
आतंकवाद पर घिरे Pakistan पर इसी महीने मंडरा रहा है एक बड़ा संकट
उन्होंने कहा कि हालांकि पाकिस्तान ने जम्मू और कश्मीर में कई स्थानों पर संघर्ष विराम का उल्लंघन का किया है. उसने कनाचक, आरएस पुरा, हीरा नगर, पुंछ, राजौरी, उरी, नंबला, करनाह और केरन में गोलीबारी की है, लेकिन वे घुसपैठ कराने में सफल नहीं हुए. उन्होंने कहा, 'हमारे घुसपैठ रोधी ग्रिड बहुत मजबूत हैं और हाल के दिनों में घुसपैठ की कई कोशिशों को सफलतापूर्वक नाकाम किया गया है.'
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वहीं एशिया पैसिफिक ग्रुप (APG) के फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने कहा कि पाकिस्तान, यूएन सिक्योरिटी काउंसिल का प्रस्ताव हाफिज सईद, वैश्विक आतंकवादियों और आतंकवादी समूह जैसे कि जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ लागू करने में विफल रहा. एशिया पैसेफिक ग्रुप (APG) की एक रिपोर्ट के मुताबिक फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को 'ग्रे लिस्ट' में शामिल करते वक्त जो 40 अनुशंसाएं की थी उनमें से उसने सिर्फ एक का पालन किया है और वहां मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग का काफी जोखिम है.
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बता दें कि 'ग्रे लिस्ट' में पाकिस्तान को बरकरार या बाहर रखने पर फैसले को लेकर होने वाली FATF की महत्वपूर्ण बैठक से दस दिन पहले शनिवार को APG ने 228 पन्नों वाली यह बहुप्रतीक्षित ‘म्यूच्यूअल इवैल्यूएशन रिपोर्ट' जारी की है. पाकिस्तान को पिछले साल जून में ग्रे लिस्ट में रखा गया था और उसे एक एक्शन प्लान दिया गया था जिसे उसे अक्टूबर 2019 तक पूरा करना था. ऐसा नहीं करने पर उसे ईरान और उत्तर कोरिया की तरह ब्लैक लिस्ट में डाले जाने की बात कही गई थी.