सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल रविवार सुबह श्रीनगर पहुंचा है
श्रीनगर:
कश्मीर गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के कुछ सदस्यों ने टीमों में विभाजित होकर अलगाववादी हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं से मिलने की कोशिशें कीं, लेकिन हर जगह उनको खाली हाथ ही लौटना पड़ा. सर्वदलीय शिष्टमंडल ने अपने जम्मू-कश्मीर दौरे के दूसरे दिन आज नागरिक समाज के लोगों से मुलाकात की.
एमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी चश्मे-शाही जेल में ''राजनीतिक समाधान के अपने छोटे से प्रयास के तहत'' मीरवाइज उमर फारुख से मुलाकात करने पहुंचे. मीरवाइज उनसे चंद मिनटों के लिए मिले लेकिन डॉयलाग से इनकार कर दिया. ओवैसी ने NDTV से कहा, मीरवाइज ''इस पूरी स्थिति से बहुत व्यथित हैं''.
वामपंथी नेता सीताराम येचुरी और डी राजा एवं जदयू के शरद यादव पृथकतावादी नेता यासीन मलिक से मिलने हुमहामा पुलिस स्टेशन पहुंचे. यहीं पर मलिक बंद हैं लेकिन मलिक ने उनसे बात करने से मना कर दिया. उसके बाद ये लोग हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी से मिलने पहुंचे. वह हैदरपुरा में हाउस अरेस्ट हैं. लेकिन इन लोगों को घर में प्रवेश नहीं करने दिया गया.
इससे पहले जम्मू कश्मीर में शांति बहाली के तहत महबूबा मुफ्ती का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से बातचीत का न्यौता हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने ठुकरा दिया. हुर्रियत की ओर से एक साझा बयान जारी कर इस पेशकश को ठुकरा दिया.
हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गीलानी, मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ और मोहम्मद यासीन मलिक ने एक साझा बयान में कहा है कि कि जिस प्रतिनिधिमंडल ने ये साफ़ नहीं किया है कि उसका क्या एजेंडा है और उसके हाथ में कितना अधिकार है और उससे बातचीत का क्या फ़ायदा.
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने हुर्रियत कॉन्फ़्रेंस समेत सभी पक्षों को बातचीत का न्योता भेजा था. महबूबा ने पीडीपी अध्यक्ष के तौर पर ख़त लिखा. वहीं अलगाववादियों का कहना है कि सर्वदलीय प्रतिनिधिनिमंडल कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा मान कर बातचीत के लिए आ रहा है, ऐसे में बात करने का कोई फ़ायदा नहीं है.
हालांकि सूत्रों के मुताबिक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेताओं का एक समूह, जिसमें सीपीएम अध्यक्ष सीताराम येचुरी और एमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी हुर्रियत नेताओं से मुलाकात के इच्छुक थे. सूत्रों ने साथ ही बताया कि हुर्रियत नेता द्वारा वार्ता करने से इनकार किए जाने के बावजूद इनका मानना था कि इन्हें कम-से कम मुलाकात की कोशिश तो करनी ही चाहिए.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में शांति बहाली के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में श्रीनगर में है. राजनाथ सिंह ने कहा था कि टीम उन लोगों और संगठनों से बात करने की इच्छुक है, जो शांति और बहाली चाहते हैं. सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा भी कि संवाद होना चाहिए और जल्द से जल्द पूरे इलाक़े में शांति बहाल की जानी चाहिए. बताया जा रहा है कि इसके जरिए महबूबा अपने वोट बैंक पर पकड़ बनाए रखना चाहती हैं.
एमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी चश्मे-शाही जेल में ''राजनीतिक समाधान के अपने छोटे से प्रयास के तहत'' मीरवाइज उमर फारुख से मुलाकात करने पहुंचे. मीरवाइज उनसे चंद मिनटों के लिए मिले लेकिन डॉयलाग से इनकार कर दिया. ओवैसी ने NDTV से कहा, मीरवाइज ''इस पूरी स्थिति से बहुत व्यथित हैं''.
वामपंथी नेता सीताराम येचुरी और डी राजा एवं जदयू के शरद यादव पृथकतावादी नेता यासीन मलिक से मिलने हुमहामा पुलिस स्टेशन पहुंचे. यहीं पर मलिक बंद हैं लेकिन मलिक ने उनसे बात करने से मना कर दिया. उसके बाद ये लोग हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी से मिलने पहुंचे. वह हैदरपुरा में हाउस अरेस्ट हैं. लेकिन इन लोगों को घर में प्रवेश नहीं करने दिया गया.
इससे पहले जम्मू कश्मीर में शांति बहाली के तहत महबूबा मुफ्ती का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से बातचीत का न्यौता हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने ठुकरा दिया. हुर्रियत की ओर से एक साझा बयान जारी कर इस पेशकश को ठुकरा दिया.
हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गीलानी, मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ और मोहम्मद यासीन मलिक ने एक साझा बयान में कहा है कि कि जिस प्रतिनिधिमंडल ने ये साफ़ नहीं किया है कि उसका क्या एजेंडा है और उसके हाथ में कितना अधिकार है और उससे बातचीत का क्या फ़ायदा.
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने हुर्रियत कॉन्फ़्रेंस समेत सभी पक्षों को बातचीत का न्योता भेजा था. महबूबा ने पीडीपी अध्यक्ष के तौर पर ख़त लिखा. वहीं अलगाववादियों का कहना है कि सर्वदलीय प्रतिनिधिनिमंडल कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा मान कर बातचीत के लिए आ रहा है, ऐसे में बात करने का कोई फ़ायदा नहीं है.
Separatists reject J&K CM Mehbooba Mufti's invitation for talks with all party delegation
— ANI (@ANI_news) September 4, 2016
हालांकि सूत्रों के मुताबिक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेताओं का एक समूह, जिसमें सीपीएम अध्यक्ष सीताराम येचुरी और एमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी हुर्रियत नेताओं से मुलाकात के इच्छुक थे. सूत्रों ने साथ ही बताया कि हुर्रियत नेता द्वारा वार्ता करने से इनकार किए जाने के बावजूद इनका मानना था कि इन्हें कम-से कम मुलाकात की कोशिश तो करनी ही चाहिए.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में शांति बहाली के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में श्रीनगर में है. राजनाथ सिंह ने कहा था कि टीम उन लोगों और संगठनों से बात करने की इच्छुक है, जो शांति और बहाली चाहते हैं. सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा भी कि संवाद होना चाहिए और जल्द से जल्द पूरे इलाक़े में शांति बहाल की जानी चाहिए. बताया जा रहा है कि इसके जरिए महबूबा अपने वोट बैंक पर पकड़ बनाए रखना चाहती हैं.
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