भारत ने गुरुवार को लगातार दूसरे दिन ओडिशा तट के पास सतह से सतह पर मार करने में सक्षम स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइल (Missile) ‘प्रलय' (Prayalaya) का सफल परीक्षण किया. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने यह जानकारी दी. डीआरडीओ ने कहा कि पहली बार लगातार दो दिन, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से प्रक्षेपित की गई मिसाइल ने मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा किया.
Video : बैलिस्टिक मिसाइल ‘प्रलय' का सफल परीक्षण, चीन की मिसाइलों का सामना करने में सक्षम
डीआरडीओ ने कहा, ‘‘आज, हथियार की सटीकता तथा मारक क्षमता को साबित करने के लिए भाjरी ‘पेलोड' और विभिन्न रेंज के लिए 'प्रलय' मिसाइल का परीक्षण किया गया.'' भारत ने बुधवार को बैलिस्टिक मिसाइल ‘प्रलय' का पहला सफल परीक्षण किया था. रक्षा अनुसंधान संगठन ने कहा कि दूसरे परीक्षण की निगरानी सभी रेंज सेंसर और उपकरणों द्वारा की गई, जिसमें टेलीमेट्री, रडार तथा पूर्वी तट पर तैनात इलेक्ट्रो-ऑप्टिक ट्रैकिंग सिस्टम और प्रभाव बिंदु के पास स्थित डाउन रेंज जहाज शामिल हैं.
‘प्रलय' 150 से 500 किलोमीटर की मारक क्षमता के साथ, ठोस प्रणोदक रॉकेट मोटर और अन्य नई तकनीक से लैस है. मिसाइल निर्देशक प्रणााली में अत्याधुनिक नौवहन एवं इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगे हुए हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सतह से सतह पर मार करने में सक्षम स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइल ‘प्रलय' का दूसरे दिन सफल परीक्षण करने के लिए डीआरडीओ को बधाई दी. वहीं, डीआरडीओ के अध्यक्ष जी. सतीश रेड्डी ने भी अपने दल की सराहना की और कहा कि देश ने रक्षा अनुसंधान में विकास के लिए अपनी क्षमता साबित की है.
मिसाइल डिस्ट्रायर आईएनएस विशाखापट्टनम भारतीय नौसेना में शामिल
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं